Credit Cards

Greta Thunberg: 'बालों से घसीटा, इजरायल का झंडा चूमने को किया मजबूर', एक्टिविस्टों का दावा- हिरासत में ग्रेटा थनबर्ग के साथ हुआ दुर्व्यवहार

Greta Thunberg Mistreated In Detention: एक एक्टिविस्ट ने अनादोलु समाचार एजेंसी को बताया कि, 'उन्होंने ग्रेटा थनबर्ग को हमारी आखों के सामने बालों से घसीटा, पीटा और उन्हें इजरायली झंडा चूमने के लिए मजबूर किया। उन्होंने दूसरों को चेतावनी देने के लिए उनके साथ सब कुछ किया, जिसकी कल्पना की जा सकती है

अपडेटेड Oct 05, 2025 पर 3:00 PM
Story continues below Advertisement
इजरायल ने इन सभी आरोपों को 'सरासर झूठ' बताकर खारिज कर दिया है

Greta Thunberg: गाजा में फंसे लोगों के लिए सहायता ले जा रहे जहाजों के बेड़े के कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेने के बाद इजरायल ने शनिवार को 137 एक्टिविस्टों को डिपोर्ट कर दिया। वापस लौटे इन कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि हिरासत के दौरान उनके साथ हिंसा हुई और 'जानवरों जैसा व्यवहार' किया गया। दो एक्टिविस्टों ने तो स्वीडिश पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग के साथ भयंकर दुर्व्यवहार का भी आरोप लगाया है।

दरअसल ग्लोबल सुमूद फ्लोटिला नामक यह बेड़ा पिछले महीने युद्धग्रस्त गाजा को सहायता पहुंचाने निकला था, लेकिन इजरायल ने जहाजों को रोक दिया और 400 से अधिक लोगों को हिरासत में ले लिया, जिसके बाद दुनिया भर में विरोध प्रदर्शन हुए। शनिवार को इनमें से 137 लोग इस्तांबुल पहुंचे।

ग्रेटा थनबर्ग के साथ हुआ दुर्व्यवहार: प्रत्यक्षदर्शियों का दावा


मलेशिया की हजवानी हेल्मी और अमेरिका के विंडफील्ड बीवर सहित दो एक्टिविस्टों ने रॉयटर्स को बताया कि उन्होंने ग्रेटा थनबर्ग के साथ दुर्व्यवहार होते देखा। हेल्मी ने कहा, 'यह एक आपदा थी। उन्होंने हमारे साथ जानवरों जैसा व्यवहार किया।' बीवर ने बताया कि ग्रेटा के साथ 'भयानक व्यवहार' किया गया और उन्हें 'प्रोपेगंडा के लिए इस्तेमाल' किया गया। बीवर ने बताया कि जब इजरायल के अति-दक्षिणपंथी राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन-ग्विर वहां पहुंचे, तो ग्रेटा को एक कमरे में धकेल दिया गया था।

बाल पकड़कर घसीटा, झंडा चूमने को किया मजबूर

एक अन्य एक्टिविस्ट एरसीन चेलिक ने अनादोलु समाचार एजेंसी को बताया कि ग्रेटा को बालों से घसीटा गया और सेना द्वारा उन पर हमला किया गया। उन्होंने कहा, 'उन्होंने ग्रेटा थनबर्ग को हमारी आखों के सामने बालों से घसीटा, पीटा और उन्हें इजरायली झंडा चूमने के लिए मजबूर किया। उन्होंने दूसरों को चेतावनी देने के लिए उनके साथ सब कुछ किया, जिसकी कल्पना की जा सकती है।'

इटली के क्षेत्रीय पार्षद पाओलो रोमानो सहित अन्य एक्टिविस्टों ने भी हिरासत के दौरान इजरायली अधिकारियों द्वारा दुर्व्यवहार और यातना के आरोप लगाए। रोमानो ने एएफपी को बताया, 'उन्होंने हमें घुटनों के बल, मुंह नीचे करके रखा। अगर हम हिले तो उन्होंने हमें मारा। वे हम पर हंस रहे थे, हमें गाली दे रहे थे और मार रहे थे। वे मनोवैज्ञानिक और शारीरिक दोनों तरह की हिंसा का इस्तेमाल कर रहे थे।' अदलाह नामक एक इजरायली कानूनी सहायता समूह ने बताया कि कुछ बंदियों को वकील, पानी, दवाइयां और शौचालयों तक पहुंच से वंचित रखा गया था।

इजरायल ने आरोपों को बताया 'सरासर झूठ'

इजरायल ने इन सभी आरोपों को 'सरासर झूठ' बताकर खारिज कर दिया है। विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने रॉयटर्स को बताया कि सभी निर्वासित एक्टिविस्टों को सुरक्षित और अच्छे स्वास्थ्य में भेजा गया। प्रवक्ता ने दावा किया, 'बेशक, सभी बंदियों को पानी, भोजन और शौचालय की सुविधा दी गई; उन्हें कानूनी सलाह लेने से नहीं रोका गया, और उनके सभी कानूनी अधिकारों का पूरी तरह से पालन किया गया।'

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।