क्रिकेट के मैदान पर भारतीय टीम ने एक बार फिर इतिहास रच दिया। चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में न्यूजीलैंड को धूल चटाते हुए भारत ने तीसरी बार इस प्रतिष्ठित खिताब पर कब्जा जमाया। लेकिन ये सिर्फ एक जीत नहीं थी, बल्कि 25 साल पुराने जख्म पर मरहम लगाने जैसा था। साल 2000 में जब न्यूजीलैंड ने इसी फाइनल में भारत को हराया था, तब किसी ने नहीं सोचा था कि एक दिन इतिहास खुद को दोहराएगा, और इस बार विजेता के रूप में भारत चमकेगा। टीम इंडिया ने 252 रनों का लक्ष्य हासिल कर न सिर्फ ट्रॉफी उठाई, बल्कि कीवी टीम का सपना भी तोड़ दिया।
हर चौके-छक्के के साथ स्टेडियम में "भारत माता की जय" गूंज उठा और सफेद कोट पहने भारतीय खिलाड़ियों ने जीत की चमक में चार चांद लगा दिए। ये जीत सिर्फ ट्रॉफी नहीं, बल्कि गौरव, जज्बे और जुनून की मिसाल थी।
फाइनल में भारत की दमदार जीत
भारत की इस ऐतिहासिक जीत के बाद पूरे देश में जश्न का माहौल है। भारतीय कप्तान ने ट्रॉफी उठाकर टीम की मेहनत और संघर्ष को सलाम किया। खास बात ये रही कि जीत के बाद टीम इंडिया के सभी खिलाड़ियों को सफेद कोट पहनाई गई, जिसने फैंस के बीच उत्सुकता बढ़ा दी कि आखिर ये सफेद जैकेट क्यों दी जाती है?
टीम इंडिया को क्यों पहनाई गई सफेद कोट?
कई लोगों के मन में सवाल उठा कि केवल भारतीय टीम को ही सफेद जैकेट क्यों दी गई, जबकि न्यूजीलैंड को नहीं? दरअसल, आईसीसी के अनुसार ये चैंपियन टीम को सम्मान देने का प्रतीक है।
सम्मान और विरासत का प्रतीक – सफेद कोट चैम्पियन टीम की सामरिक प्रतिभा, दृढ़ संकल्प और सफलता की विरासत को दर्शाती है।
चैंपियंस के लिए विशेष बैज – ये कोट टीम के अतुलनीय प्रदर्शन और महानता की निशानी मानी जाती है, जो भविष्य की पीढ़ियों को प्रेरित करती है।
परंपरा का हिस्सा – साल 2017 में भी पाकिस्तान को चैंपियंस ट्रॉफी जीतने पर सफेद कोट दी गई थी।
दुबई में टीम इंडिया का जलवा
फाइनल मैच के बाद जब भारतीय टीम को ये कोट पहनाई गई, तो हर कोई इस ऐतिहासिक पल का गवाह बना। वहीं, न्यूजीलैंड को ये कोट नहीं मिली, क्योंकि ये सिर्फ विजेता टीम को ही दी जाती है। भारत ने तीसरी बार चैंपियंस ट्रॉफी जीतकर इतिहास रच दिया। इससे पहले कोई भी टीम तीन बार ये खिताब अपने नाम नहीं कर पाई है। ये जीत सिर्फ क्रिकेट फैंस ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का पल है।
सफेद कोट का इतिहास और महत्व
ICC (International Cricket Council) के अनुसार, सफेद कोट सिर्फ विजेता टीम को दी जाती है, जो उनके चैंपियन बनने का प्रतीक होती है। ICC ने इसे एक खास सम्मान बताया है, जिसे केवल ट्रॉफी जीतने वाली टीम ही पहन सकती है। ये कोट विजेता टीम की रणनीति, मेहनत और संघर्ष का प्रतीक मानी जाती है।
चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के दौरान पाकिस्तान और UAE में इस परंपरा को दिग्गज क्रिकेटर वसीम अकरम (Wasim Akram) ने लॉन्च किया। उन्होंने कहा कि ये टूर्नामेंट दुनिया की सबसे बेहतरीन टीमों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा का गवाह बनेगा। ट्रॉफी जीतने वाली टीम को क्रिकेट की सबसे मजबूत टीम माना जाएगा, और इसी गौरव को दिखाने के लिए विजेताओं को ये सफेद कोट दी जाती है।