भागदौड़ भरी जिंदगी में फिट रहने का मतलब अक्सर जिम की मेंबरशिप, भारी-भरकम एक्सरसाइज़ या रोज 10,000 कदम चलने जैसे टारगेट माने जाते हैं। लेकिन अब एक नई रिसर्च ने इस सोच को झटका दिया है। ताजा मेडिकल स्टडी का कहना है कि रोजाना सिर्फ 7,000 कदम चलना भी आपकी सेहत के लिए गेमचेंजर साबित हो सकता है। यानी अब लंबी दौड़ नहीं, बस थोड़ी सी एक्टिविटी से भी लंबी और स्वस्थ जिंदगी पाई जा सकती है। ये खबर उन लोगों के लिए किसी राहत से कम नहीं, जो बिजी शेड्यूल या उम्र की वजह से ज्यादा चल नहीं पाते।
इस स्टडी की खास बात ये है कि इसमें लाखों लोगों के डेटा को शामिल किया गया, जिससे नतीजे बेहद भरोसेमंद माने जा रहे हैं। तो अगर आप भी अब तक 10,000 कदम की दौड़ में पीछे रह जा रहे थे, तो अब मुस्कुराने की वजह मिल गई है।
इस रिसर्च में साफ कहा गया है कि जो लोग रोज सिर्फ 2,000 कदम चलते हैं, उनके मुकाबले जो लोग 7,000 कदम चलते हैं, उनकी अचानक मौत का खतरा 47% कम हो जाता है।
दिल की बीमारी का खतरा: 25% कम
डिमेंशिया (भूलने की बीमारी): 38% कम
5,000 से 7,000 कदम के बीच मिलता है सबसे ज्यादा फायदा
स्टडी में ये भी पाया गया कि स्वास्थ्य लाभ 5,000 से 7,000 कदम के बीच सबसे ज्यादा होता है। इसके बाद भले ही आप और ज्यादा चलें, लेकिन फायदे थोड़े धीमे हो जाते है।
अक्सर कहा जाता है कि रोज 10,000 कदम चलना चाहिए, लेकिन लैंसेट की ये रिपोर्ट बताती है कि 7,000 कदम भी सामान्य लोगों के लिए एक बढ़िया और असान लक्ष्य हो सकता है। जो लोग पहले से एक्टिव हैं, उनके लिए 10,000 कदम भी अच्छा लक्ष्य हो सकता है।
अगर आप अभी ज़्यादा नहीं चलते, तो परेशान मत हों। रिपोर्ट कहती है कि रोज 4,000 कदम चलना भी 2,000 कदम के मुकाबले बेहतर है। यानी थोड़ी सी कोशिश भी आपके शरीर और मन दोनों को फायदा पहुंचा सकती है।
रिसर्चर्स का कहना है कि डेली स्टेप काउंट (कदम गिनना) लोगों को शारीरिक रूप से एक्टिव करने का एक आसान और असरदार तरीका है। ये तरीका आम जनता को हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने में मदद कर सकता है।
ये रिसर्च ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और ब्रिटेन के वैज्ञानिकों की टीम ने की है। 2014 से 2025 के बीच हुए 57 अध्ययनों की गहन समीक्षा की गई है। हालांकि कुछ बीमारियों (जैसे कैंसर या डिमेंशिया) पर सीमित डेटा मिला है, लेकिन दिल की बीमारियों और मृत्यु दर को लेकर आंकड़े बेहद मजबूत हैं।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।