गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. सौरभ सेठी ने हाल ही में पाचन स्वास्थ्य से जुड़े नौ महत्वपूर्ण तथ्य बताए हैं, जिनसे रोजमर्रा के भोजन को लेकर लोगों की धारणाएं बदल सकती हैं। डॉ. सेठी ने खासतौर पर हल्के हरे रंग के केले को पाचन के लिए सबसे फायदेमंद बताया। इन हरे केले में रेसिस्टेंट स्टार्च होता है, जो फाइबर की तरह काम करता है और अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ावा देता है, जिससे हमारी आंतों की सेहत बेहतर होती है। इसके विपरीत पूरी तरह पके हुए केले में अधिक शुगर होती है, जो पाचन के लिए उतने लाभकारी नहीं होते।
इसके अलावा, उन्होंने कुछ आम पात्र खाद्य पदार्थों के बारे में भी बताया जो पाचन और शरीर को कई लाभ देते हैं। उदाहरण स्वरूप, चावल को जब ठंडा कर के फिर से गरम किया जाता है तो उसमें रेसिस्टेंट स्टार्च बढ़ जाता है, जो ब्लड शुगर के नियंत्रण में मदद करता है और अच्छी पाचन क्रिया को बढ़ावा देता है। नीले और लाल बेरी (जैसे ब्लूबेरी, स्ट्रॉबेरी) एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं जो सूजन कम करते हैं और हृदय व मस्तिष्क को स्वस्थ रखते हैं।
चिया सीड छोटे लेकिन पौष्टिक बीज हैं, जिनमें ओमेगा-3, फाइबर और प्रोटीन होता है। यह कब्ज से राहत दिलाते हैं, भूख को नियंत्रित करते हैं और हृदय स्वास्थ्य में मदद करते हैं। योगर्ट प्रोबायोटिक्स का अच्छा स्रोत है, जो आंत के बैक्टीरिया को संतुलित करता है और पाचन सुधारता है।
डॉ. सेठी ने यह भी बताया कि अखरोट, बादाम और काजू जैसे मेवे स्वस्थ वसा और प्रोटीन से भरपूर होते हैं, जो याददाश्त बेहतर रखने में मदद करते हैं। साथ ही पालक, केल जैसे हरे पत्तेदार सब्जियां शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने और आयरन बढ़ाने में सहायक होती हैं।
अल्ट्राफिल्टर्ड तेल की जगह एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल का उपयोग दिल की सेहत के लिए फायदेमंद होता है। और सबसे जरूरी बात, सही मात्रा में पानी पीना, जो पाचन में सुधार और त्वचा को चमकदार बनाता है।
डॉ. सेठी का मानना है कि महंगे सुपरफूड्स या सप्लीमेंट्स की जरुरत नहीं, बल्कि रोजमर्रा के खाने में छोटे-छोटे बदलाव से भी हम अपनी सेहत और पाचन को बेहतर बना सकते हैं।