डायबिटीज एक ऐसी बिमारी है जो एक बार हो जाए तो उम्र भर साथ रहती है। इसका कोई इलाज नहीं है लेकिन राहत की बात ये है की आयुर्वेद में कुछ उपाय बताए गए हैं जिनका इस्तमाल कर डायबिटीज को रोका जा सकता है। इन्हीं प्राकृतिक औषधियों में एक बेहद खास पेड़ है अमलतास, जिसे उसके चमकीले पीले फूलों और औषधीय गुणों के कारण जाना जाता है। गर्मियों में जब ये पेड़ पूरी तरह पीले फूलों से ढक जाता है, तो उसका दृश्य मन को मोह लेता है। लेकिन इसकी सुंदरता के साथ-साथ इसके औषधीय गुण भी किसी चमत्कार से कम नहीं हैं। अमलतास के पत्तों से लेकर इसकी फलियों तक, हर भाग में रोग निवारण की शक्ति छिपी है।
खासतौर पर डायबिटीज, थायराइड, कब्ज और कफ जैसी आम लेकिन परेशान करने वाली बीमारियों के लिए ये एक कारगर घरेलू उपाय साबित हो सकता है। अगर इसे सही तरीके से उपयोग में लाया जाए, तो ये प्रकृति की सबसे सस्ती और असरदार औषधियों में से एक साबित हो सकता है।
यदि आप डायबिटीज से ग्रस्त हैं तो अमलतास की पत्तियों के रस से का नियमीत सेवन करने से शुगर कंट्रोल करने में काफी हद तक रहता मिल सकती है।
अगर आपको थायराइड की समस्या है तो अमलतास के पत्ते आपकी मदद कर सकते हैं। रोज सुबह खाली पेट और शाम को खाने से पहले इसके 2 से 4 पत्ते चबाकर खाएं। ऐसा नियमित करने से 5 से 6 महीनों में थायराइड की समस्या में काफी आराम मिल सकता है।
अमलतास की फलियों का गूदा पुराने समय से ही कब्ज और कफ के इलाज में इस्तेमाल होता रहा है। इस गूदे को गुड़ के साथ मिलाकर काढ़ा बनाएं और इसका सेवन करें। ये पेट को साफ रखने के साथ कफ की समस्या से भी राहत दिलाता है।
अमलतास को पहचानना बेहद आसान है। इसके पेड़ पर गर्मियों में खिलने वाले चमकीले पीले फूल इसे भीड़ में भी अलग पहचान देते हैं। इन पेड़ों का आकार न ज्यादा बड़ा होता है और न ही छोटा और अक्सर सड़कों के किनारे या बाग-बगिचों में दिख जाता है। इसकी लंबी और बेलनाकार फलियां इसकी औषधीय पहचान हैं।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।