महामारी और बदलती जीवनशैली के इस दौर में डायबिटीज एक आम समस्या बन चुकी है। ऐसे में मरीजों को अपनी डाइट को लेकर काफी सतर्क रहना पड़ता है। खासकर जब बात आती है किसी खास फल या खाद्य पदार्थ के सेवन की, तो भ्रम और सवाल और भी बढ़ जाते हैं। आंवला एक ऐसा ही सुपरफूड है, जो पोषक तत्वों से भरपूर होता है, लेकिन डायबिटीज के मरीज अकसर इस बात को लेकर असमंजस में रहते हैं कि क्या इसे खाना सुरक्षित है? दरअसल, आंवले में विटामिन C, एंटीऑक्सीडेंट, फाइबर और मिनरल्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।
जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के साथ-साथ ब्लड शुगर को भी कंट्रोल करने में मदद करते हैं। अगर इसे सही तरीके और मात्रा में डाइट में शामिल किया जाए, तो ये मधुमेह के मरीजों के लिए काफी लाभकारी हो सकता है। आइए जानते हैं इसके फायदों और सेवन के तरीके।
आंवला कैसे करता है ब्लड शुगर कंट्रोल?
एक स्टडी के अनुसार, रोजाना 1-3 ग्राम आंवले का पाउडर लेने से फास्टिंग और खाना खाने के बाद की ब्लड शुगर रीडिंग में कमी देखी गई। इसमें मौजूद क्रोमियम, इंसुलिन को बेहतर तरीके से काम करने में मदद करता है। इस तरह आंवला मधुमेह के इलाज में सहायक हो सकता है।
डायबिटीज के मरीज ऐसे करें आंवले का सेवन
यदि आपको खट्टा स्वाद पसंद है तो आप कच्चा आंवला खा सकते हैं। ये सबसे प्राकृतिक और असरदार तरीका है।
आंवले की कैंडी या मुरब्बा
जिन्हें कच्चा आंवला पसंद नहीं, वे बिना शक्कर वाली आंवले की कैंडी या हल्का मीठा मुरब्बा खा सकते हैं। ध्यान रहे कि डायबिटीज के मरीज अचार से बचें क्योंकि उसमें नमक और तेल अधिक होता है।
अगर आपके पास ताजा आंवला नहीं है, तो सप्लीमेंट एक बढ़िया विकल्प हो सकता है। आंवले का पाउडर स्मूथी या गर्म पानी में मिलाकर लिया जा सकता है। इसके अलावा कैप्सूल के रूप में भी इसका सेवन किया जा सकता है। आमतौर पर एक कैप्सूल में 500-1000 मिलीग्राम तक आंवला पाउडर होता है।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।