नेलपेंट लगाना अब सिर्फ खूबसूरती का हिस्सा नहीं बल्कि महिलाओं की रोजमर्रा की लाइफस्टाइल का एक जरूरी फैशन स्टेटमेंट बन गया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इनमें इस्तेमाल होने वाले रसायन आपके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकते हैं? ज्यादातर नेलपेंट में फॉर्मेल्डिहाइड, टोल्यून और फेथलेट्स जैसे रसायन मौजूद होते हैं। फॉर्मेल्डिहाइड नेलपेंट को कठोर बनाता है, लेकिन लंबे समय तक इस्तेमाल करने से यह कैंसर का कारण बन सकता है। टोल्यून नेलपेंट को स्मूद बनाता है, लेकिन यह तंत्रिका तंत्र को नुकसान पहुंचा सकता है। वहीं, डीबीपी (डिब्यूटाइल फेथलेट) प्रजनन स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है।
सबसे बड़ी चिंता यह है कि ये रसायन नाखूनों पर ही नहीं रहते, बल्कि कुछ घंटे में शरीर में भी प्रवेश कर जाते हैं। इसलिए खूबसूरती के साथ-साथ अपनी सेहत का ध्यान रखना जरूरी है। सुरक्षित और नेचुरल विकल्प अपनाकर आप फैशन और हेल्थ दोनों को संतुलित रख सकती हैं
नेल एक्सटेंशन के छिपे खतरे
आजकल महिलाओं में नेल एक्सटेंशन का क्रेज बढ़ गया है। महीने में कई बार इसे करवाने से नाखून सुंदर लगते हैं, लेकिन यूवी लैंप की वजह से त्वचा पर UV किरणें पड़ती हैं, जो स्किन को नुकसान पहुंचा सकती हैं और स्किन कैंसर का खतरा भी बढ़ा सकती है। इसीलिए एक्सटेंशन करवाते समय सुरक्षा उपाय अपनाना बेहद जरूरी है।
सुरक्षित विकल्प और सावधानी
नेलपेंट या एक्सटेंशन पूरी तरह बंद करने की जरूरत नहीं है। कई ब्रांड अब सेफ और गैर-विषैले पॉलिश भी पेश कर रहे हैं। खरीदते समय लेबल पढ़ना जरूरी है और वाटर-बेस्ड या नेचुरल पॉलिश को प्राथमिकता दें। एक्सटेंशन करवाते समय हाथों पर व्यापक स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन लगाना और यूवी लैंप से सुरक्षित दूरी बनाए रखना सेहत के लिए फायदेमंद होगा।
क्यों जरूरी है जागरूक होना
सौंदर्य के पीछे छिपे जोखिम को नजरअंदाज करना आपके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। नेलपेंट और एक्सटेंशन से जुड़े रसायन सिर्फ नाखूनों को नहीं बल्कि पूरे शरीर पर प्रभाव डाल सकते हैं। इसलिए इन उत्पादों का इस्तेमाल करते समय हमेशा सावधानी और सही विकल्पों का चयन करना बेहद महत्वपूर्ण है।