Bladder Health Tips: देर तक यूरिन रोकने से सेहत की बज जाएगी बैंड, UTI और किडनी स्टोन का बढ़ सकता है खतरा
Bladder Health Tips: पेशाब रोकने की आदत से किडनी स्टोन, यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI), ब्लैडर की समस्याएं और किडनी पर दबाव जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। पेशाब को बार-बार रोकने से मूत्राशय और किडनी पर असर पड़ता है। यह आदत यूरिनरी सिस्टम को नुकसान पहुंचाती है, जिससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं
Bladder Health Tips: यूरिन न केवल वेस्ट प्रोडक्ट्स को बाहर निकालता है, बल्कि यूरिनरी ट्रैक्ट में मौजूद बैक्टीरिया को भी साफ करता है।
Bladder Health Tips: यूरिनेशन यानी पेशाब आना, हमारे शरीर की एक स्वाभाविक प्रक्रिया है जिसके जरिए शरीर से हानिकारक पदार्थ और टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं। यह शरीर को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है। हालांकि कई बार हम व्यस्तता या अन्य कामों के कारण पेशाब रोकते हैं, जैसे लंबी यात्रा, काम के दौरान शौचालय न होना। शुरुआत में यह सामान्य लग सकता है, लेकिन समय के साथ यह आदत गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है। पेशाब को लंबे समय तक रोकने से किडनी स्टोन, यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI) और ब्लैडर की कार्यप्रणाली में समस्याएं हो सकती हैं।
पेशाब को रोकने से किडनी पर भी दबाव पड़ सकता है जो उसके काम को प्रभावित कर सकता है। इसलिए पेशाब को रोकने से बचें ताकि आप स्वस्थ रहें और इन समस्याओं से बच सकें।
किडनी स्टोन बनने का खतरा
पेशाब में प्राकृतिक रूप से कैल्शियम, ऑक्सालेट और यूरिक एसिड जैसे खनिज मौजूद होते हैं। जब हम समय पर पेशाब नहीं करते तो ये खनिज मूत्राशय में जमा होने लगते हैं। समय के साथ ये खनिज क्रिस्टल्स बनाते हैं जो दर्दनाक किडनी स्टोन का कारण बन सकते हैं।
विशेष रूप से जो लोग पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीते उनके लिए यह खतरा और भी बढ़ जाता है। किडनी स्टोन से बचने के लिए यह जरूरी है कि शरीर को हाइड्रेट रखें और पेशाब को कभी न रोकें।
यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI) का खतरा
यूरिन न केवल वेस्ट प्रोडक्ट्स को बाहर निकालता है, बल्कि यूरिनरी ट्रैक्ट में मौजूद बैक्टीरिया को भी साफ करता है। जब पेशाब लंबे समय तक रोका जाता है, तो बैक्टीरिया को बढ़ने और संक्रमण फैलाने का समय मिल जाता है। विशेष रूप से महिलाओं में यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) का खतरा अधिक होता।
लक्षण
पेशाब करते समय जलन महसूस होना
बार-बार पेशाब की इच्छा होना
मूत्र में खून आना
ब्लैडर फंक्शन पर असर
मूत्राशय एक मांसपेशी है जो पेशाब को संग्रहित और छोड़ने का काम करती है। जब आप बार-बार पेशाब को रोकते हैं तो यह मांसपेशी सामान्य से ज्यादा खिंच जाती है। इससे ब्लैडर कमजोर हो सकता है और उसकी फंक्शनिंग पर असर पड़ सकता है।यदि मूत्राशय ठीक से खाली नहीं हो पाता तो यह धीरे-धीरे संक्रमण और श्रोणि की मांसपेशियों को नुकसान पहुंचा सकता है। इससे पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जो मूत्र असंयम (Urinary Incontinence) का कारण बन सकता है।
किडनी पर दबाव
पेशाब रोकने से केवल मूत्राशय पर ही नहीं, बल्कि किडनी पर भी दबाव बढ़ता है। जब ब्लैडर ज्यादा भर जाता है और इसे समय पर खाली नहीं किया जाता, तो मूत्र वापस किडनी की ओर जा सकता है। यह स्थिति किडनी के लिए खतरनाक होती है क्योंकि किडनी हमारे खून को साफ करने और टॉक्सिन्स को बाहर निकालने का काम करती है। समय पर पेशाब न करने से किडनी की कार्यक्षमता पर बुरा असर पड़ सकता है और लंबे समय में किडनी फेलियर जैसी गंभीर समस्या हो सकती है।
पायलोनेफ्राइटिस और अन्य समस्याएं
पायलोनेफ्राइटिस किडनी का एक गंभीर संक्रमण है जो तब होता है जब बैक्टीरिया मूत्राशय से किडनी तक पहुंच जाते हैं। इस स्थिति में तेज बुखार, पीठ के निचले हिस्से में दर्द और थकान जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यदि समय रहते इसका इलाज न किया जाए, तो यह संक्रमण किडनी को स्थायी रूप से नुकसान पहुंचा सकता है। यह समस्या विशेष रूप से उन लोगों में देखने को मिलती है, जो बार-बार पेशाब रोकते हैं या जिनका ब्लैडर पूरी तरह से खाली नहीं हो पाता।
अपनी आदत बदलें और स्वस्थ रहें
पेशाब रोकने की आदत को छोड़ना आपकी सेहत के लिए बेहद जरूरी है। लंबे समय तक पेशाब रोकने से न केवल संक्रमण का खतरा बढ़ता है बल्कि यह आपके पूरे यूरिनरी सिस्टम को प्रभावित कर सकता है।
क्या करें?
हर दो से तीन घंटे में पेशाब करें चाहे जरूरत महसूस हो या नहीं।
ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं ताकि मूत्राशय स्वस्थ रहे।
यात्रा या मीटिंग के दौरान शौचालय का समय सुनिश्चित करें।
यदि पेशाब करने में किसी प्रकार की समस्या हो रही है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
आपकी छोटी-सी सावधानी बड़े स्वास्थ्य जोखिमों से बचा सकती है।
डिस्क्लेमर - यहां बताए गए उपाय सिर्फ सामान्य ज्ञान पर आधारित हैं। इसके लिए आप किसी हेल्थकेयर प्रोफेशनल से सलाह लेने के बाद ही अपनाएं।