आज की भागदौड़ भरी लाइफस्टाइल और अनहेल्दी आदतें शरीर में कई गंभीर बीमारियों को जन्म दे रही हैं। खासकर कैंसर जैसी बीमारी अगर वक्त रहते कंट्रोल न की जाए तो ये शरीर के दूसरे हिस्सों में भी फैल सकती है। डॉक्टर्स बताते हैं कि कई बार फेफड़ों, ब्रेस्ट या किडनी का कैंसर धीरे-धीरे बढ़ते हुए दिमाग तक पहुंच जाता है। जब ऐसा होता है तो मरीज को अचानक नए लक्षण दिखने लगते हैं, जैसे लगातार सिरदर्द, बार-बार उल्टी होना, नजर कमजोर होना या मिर्गी जैसे झटके आना। अक्सर लोग इन्हें स्ट्रेस या खराब लाइफस्टाइल का नतीजा समझकर नजरअंदाज कर देते हैं।
मगर लाइफस्टाइल ठीक रखना, समय-समय पर हेल्थ चेकअप कराना और किसी भी नए लक्षण को गंभीरता से लेना बेहद जरूरी है। ऐसा करने से कैंसर को ब्रेन तक पहुंचने से रोका जा सकता है और सही वक्त पर इलाज शुरू कर मरीज की लाइफ क्वालिटी बेहतर बनाई जा सकती है।
ब्रेन कैंसर में दौरे पड़ना आम बात
ब्रेन में कैंसर फैलने पर सबसे ज्यादा दिखने वाला लक्षण है मिर्गी जैसा दौरा यानी सीजर्स। मरीज को अचानक झटके लग सकते हैं। खासकर अगर पहले से लंग कैंसर है और अब अचानक दौरे शुरू हुए हैं तो तुरंत MRI कराना चाहिए।
MRI से पता चल जाता है कि कहीं कैंसर ब्रेन तक तो नहीं पहुंचा। अगर दिमाग के दाहिने हिस्से में कैंसर कोशिकाएं पहुंचती हैं तो शरीर के बाएं हिस्से में कमजोरी महसूस हो सकती है। कुछ मामलों में देर होने पर पैरालिसिस भी हो सकता है।
अगर मरीज को लगातार सिरदर्द रहता है और उसके साथ उल्टी भी हो रही है, नजर धुंधली हो रही है, बोलने में तकलीफ हो रही है तो ये भी ब्रेन में कैंसर के संकेत हो सकते हैं। ट्यूमर कहां है और कितना बड़ा है, इस पर लक्षण निर्भर करते हैं।
अगर ट्यूमर ऑक्सिपिटल लोब में है तो मरीज को देखने में परेशानी हो सकती है। यही वजह है कि सही लोकेशन का पता लगाना बेहद जरूरी है।
कौन-सा सिरदर्द खतरे की घंटी है?
विशेषज्ञों के मुताबीक ट्यूमर से होने वाला सिरदर्द आम सिरदर्द से अलग होता है। खांसने या छींकने पर दर्द बढ़ जाता है। झुकने पर भी दर्द ज्यादा होता है। सबसे अहम बात—ये दर्द रात को या सुबह बहुत ज्यादा होता है। मरीज को उल्टी होती है और उल्टी के बाद थोड़ा आराम मिलता है, तो ये अच्छा संकेत नहीं है।
अगर आपको या आपके परिवार में किसी को ऐसे लक्षण नजर आएं तो तुरंत किसी न्यूरोलॉजिस्ट या न्यूरोसर्जन से संपर्क करें। समय रहते जांच और इलाज शुरू करना बेहद जरूरी है ताकि बड़ी दिक्कत को टाला जा सके।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।