जीरे का पानी आयुर्वेदिक और घरेलू उपायों में एक खास जगह रखता है। ये वजन कम करने, कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने, पाचन सुधारने और इम्यून सिस्टम मजबूत करने के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। लेकिन जैसा कि कहा जाता है, किसी भी चीज का अति सेवन नुकसानदायक हो सकता है, वही बात जीरे के पानी पर भी लागू होती है। जब इसका सेवन सीमित मात्रा में किया जाए तो यह शरीर के लिए औषधि जैसा काम करता है, लेकिन जरूरत से ज्यादा पीने पर यह स्वास्थ्य को कई तरह से नुकसान पहुंचा सकता है। खासकर पेट, किडनी, लिवर, हार्मोनल बैलेंस और गर्भावस्था पर इसका विपरीत असर देखने को मिल सकता है।
इसके अलावा, ब्लड शुगर लेवल पर भी इसका प्रभाव पड़ता है। इसलिए जीरे के पानी को अपनी दिनचर्या में शामिल करते वक्त इसकी मात्रा और समय का ध्यान रखना बेहद जरूरी है, ताकि इसके दुष्प्रभाव से बचा जा सके।
जीरे के पानी का ज्यादा सेवन आपके पाचन को नुकसान पहुंचा सकता है। इससे गैस, अपच और पेट में जलन जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं। इसलिए रोज पीते समय इसकी मात्रा संतुलित रखें।
अत्यधिक मात्रा में जीरा पानी पीने से किडनी और लिवर की कार्यक्षमता पर असर पड़ सकता है। यदि आपको पहले से इन अंगों से जुड़ी कोई समस्या है, तो इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें।
जो महिलाएं स्तनपान कराती हैं, उन्हें जीरा पानी पीने से पहले डॉक्टर की राय लेनी चाहिए। अधिक सेवन से दूध की मात्रा में कमी आ सकती है।
डायबिटीज के मरीजों को जीरा पानी सावधानी से पीना चाहिए क्योंकि यह ब्लड शुगर को तेजी से घटा सकता है। इससे चक्कर आना, थकावट और कमजोरी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
गर्भवती महिलाओं को अधिक मात्रा में जीरा पानी पीने से परहेज करना चाहिए क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है, जो गर्भपात की आशंका को बढ़ा सकती है।
जीरे में मौजूद नारकोटिक गुण अधिक मात्रा में लेने पर सिर दर्द, मतली और उल्टी जैसी समस्याएं पैदा कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में डॉक्टर की सलाह बेहद ज़रूरी है।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।