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Diabetes and Blood Sugar: डायबिटीज और ब्लड शुगर में क्या है अंतर, समझ गए तो इलाज कराना होगा आसान

Diabetes and Blood Sugar: ब्लड शुगर लेवल का कंट्रोल में रहना काफी जरूरी है। खासकर डायबिटीज मरीजों को अपने ब्लड शुगर लेवल पर विशेष ध्यान देना पड़ता है। वहीं ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखना ओवरऑल हेल्थ को बनाए रखने के लिए जरूरी है। ऐसे में ब्लड शुगर और डायबिटीज में अंतर मालूम होना भी जरूरी है। इससे इलाज कराने में मदद मिलेगी

अपडेटेड Mar 05, 2025 पर 1:05 PM
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Diabetes and Blood Sugar: स्वस्थ लोगों को 2 साल में एक बार और डायबिटीज के मरीजों को हर 3 महीने में ब्लड शुगर लेवल की जांच कराना चाहिए।

डायबिटीज के मरीज दुनियाभर में तेजी से फैल रहे हैं। करोड़ों की तादाद में लोग इस बीमारी के शिकार हो रहे हैं। डायबिटीज से परेशान लोगों को ब्लड शुगर बढ़ जाता है। जिसे जिंदगी भर कंट्रोल करने की जरूरत रहती है। डायबिटीज किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है। जिन लोगों में अत्यधिक मोटापा रहता है। ऐसे में डायबिटीज के मरीज देसी इलाज के जरिए अपने ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रख सकते हैं। वहीं डायबिटीज और ब्लड शुगर लेवल के बारे में जानकारी भी होना बेहद जरूरी है। अगर आप इसके प्रति जागरूक हैं तो इलाज कराने में आसानी होगी।

डायबिटीज किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है। जिन लोगों में अत्यधिक मोटापा रहता है। फिजिकल एक्टिविटी बेहद कम रहती है। उन्हें डायबिटीज का खतरा ज्यादा रहता है। दरअसल, डायबिटीज को सीधे सीधे शुगर से जोडकर देखा जाता है। ऐसे में यह जानना बहुत जरूरी है कि क्या सभी हाई ब्लड शुगर वाले मरीज डायबिटीज के शिकार होते हैं, ऐसे में आइये जातने हैं कि आखिर डायबिटीज और ब्लड शुगर में क्या अंतर होता है?

डायबिटीज और ब्लड शुगर में अंतर


खून में ग्लूकोज की मात्रा को ब्लड शुगर लेवल कहा जाता है। वहीं डायबिटीज एक बीमारी का नाम होता है। ब्लड शुगर लेवल खान पान की वजह से घटता बढ़ता रहता है। वहीं डायबिटीज तब होती है, जब शरीर इसको सही से इस्तेमाल नहीं कर पाता है। ब्लड शुगर लेवल 70-140 mg/dl के बीच होता है। लेकिन इसका 200 mg/dl के ऊपर जाना डायबिटीज का संकेत हो सकता है। अगर आप ब्लड शुगर लेवल की जांच कराते हैं तो इससे डायबिटीज की बीमारी का पता कर सकते हैं। जब इंसुलिन ढंग से काम नहीं करता है तब डायबिटीज के बारे में पता चलता है। ब्लड शुगर को लेवल को खानपान के जरिए कंट्रोल कर सकते हैं। लेकिन डायबिटीज होने पर डॉक्टर के बताए नुस्खे पर ही चलना चाहिए।

किस उम्र में कितना होना चाहिए ब्लड शुगर लेवल

APM आयुर्वेद कॉलेज मुंबई के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. हेमंत पराडकर (Dr Hemant Paradkar), MD, का कहना है कि फास्टिंग ब्लड शुगर का नॉर्मल रेंज 80-100 के बीच माना जाता है। अगर यह 100 से 125 है तो इसे प्रीडायबिटीज माना जाता है। अगर यह 126 mg/dL से ज्यादा होता है, तो इसे डायबिटिक माना जाता है। हालांकि इसके लिए HBA1C टेस्ट के जरिए कन्फर्म किया जाता है।

बता दें कि HbA1c टेस्ट में 3 महीने की डायबिटीज की रिपोर्ट आ जाती है। जिसमें यह तय होता है कि मरीज डायबिटीज का शिकार है या नहीं। वहीं 40 से 60 साल के उम्र के लोगों को प्री डायबिटीज के लक्षणों से हमेशा सावधान रहना चाहिए। HbA1c टेस्ट में अगर 5.7 फीसदी 6.4 फीसदी है तो प्री डायबिटिक के शिकार हो सकते हैं। इससे ज्यादा होने पर डायबिटीज से पीड़ित माना जाता है।

डिस्क्लेमर - यहां बताए गए उपाय सिर्फ सामान्य ज्ञान पर आधारित हैं। इसके लिए आप किसी हेल्थकेयर प्रोफेशनल से सलाह लेने के बाद ही अपनाएं।

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MoneyControl News

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First Published: Mar 05, 2025 12:59 PM

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