डायबिटीज केवल एक ब्लड शुगर से जुड़ी बीमारी नहीं है, बल्कि ये शरीर के कई अंगों को धीरे-धीरे प्रभावित करती है जिनमें सबसे पहले निशाना बनते हैं आपके पैर। अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं और पैरों में झुनझुनी, सूजन, जलन या घाव जैसे लक्षण नजर आ रहे हैं, तो इसे नजरअंदाज करना खतरनाक साबित हो सकता है। हाई ब्लड शुगर लेवल नसों और ब्लड सर्कुलेशन को प्रभावित करता है, जिससे पैरों की संवेदनशीलता घट जाती है और चोट या संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। समय पर ध्यान न देने पर मामूली घाव गंभीर संक्रमण का रूप ले सकता है और स्थिति इतनी बिगड़ सकती है कि पैर कटवाने की नौबत भी आ सकती है।
इसलिए जरूरी है कि डायबिटीज को केवल दवा से नहीं, बल्कि शरीर के हर हिस्से पर होने वाले प्रभाव को समझकर मैनेज किया जाए। आइए जानें डायबिटीज आपके पैरों को कैसे नुकसान पहुंचाती है।
नसों को नुकसान और सुन्नपन
डायबिटीज में डायबिटिक न्यूरोपैथी एक आम लेकिन गंभीर समस्या है, जिसमें पैरों की नसें धीरे-धीरे क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। इसका नतीजा होता है झुनझुनी, जलन, या पैर सुन्न हो जाना। अगर ये लक्षण लंबे समय तक नजर आएं, तो ये पाचन, यूरिनरी ट्रैक्ट और हृदय प्रणाली तक को प्रभावित कर सकता है।
जब पैरों की त्वचा कमजोर हो जाती है, तो फंगल संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। एथलीट्स फुट एक ऐसा फंगल इन्फेक्शन है जिसमें पैरों में खुजली, त्वचा में दरारें और रेडनेस हो जाती है। डायबिटीज की वजह से शरीर की इम्युनिटी कमजोर हो जाती है, जिससे ये संक्रमण तेजी से फैल सकता है।
ब्लड शुगर का असंतुलन पैरों में सूजन या फ्रैक्चर का कारण बन सकता है। लंबे समय तक टखनों में लालिमा, सूजन या दर्द रहना खतरे का संकेत हो सकता है। इसे हल्के में लेना आपकी गतिशीलता को प्रभावित कर सकता है।
तलवों में छाले और स्किन डैमेज
डायबिटीज से ग्रस्त लगभग 15% मरीजों को पैरों के तलवों में छाले की शिकायत होती है। यह छाले इतने गंभीर हो सकते हैं कि स्किन पूरी तरह खुल जाती है और यदि इलाज न हो तो गेंग्रीन जैसी स्थिति में पैर काटने तक की नौबत आ सकती है।
नाखूनों में फंगल इन्फेक्शन
डायबिटिक मरीजों को नाखूनों में भी फंगल इंफेक्शन की शिकायत हो सकती है। इसके लक्षण हैं—नाखूनों का रंग बदलना, काला पड़ना या उनका असामान्य आकार। ये संक्रमण चोट या हाई ब्लड शुगर लेवल के कारण तेजी से फैल सकता है।
डायबिटीज लंबे समय में पैरों की हड्डियों और मांसपेशियों को भी प्रभावित करती है। जिससे पैरों का आकार बदल सकता है, चाल असंतुलित हो सकती है और सामान्य जूते पहनना मुश्किल हो सकता है।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।