Get App

डायबिटीज के मरीजों के लिए रामबाण हैं ये तीन तरह की रोटियां, लाइफ टाइम ब्लड शुगर रहेगा कंट्रोल

Ragi Flour Diabetes: देश में डायबिटीज से पीड़ित मरीजों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इसमें डॉक्टरों की ओर से मरीजों को गेहूं की रोटी नहीं खाने की सलाह दी जाती है। इसकी जगह मोटे अनाज (मिलेट्स) का सेवन करने की सलाह दी जाती है। इसमें जौ, ज्वार, रागी की रोटियों का सेवन कर सकते हैं

Jitendra Singhअपडेटेड Jun 20, 2024 पर 7:22 AM
डायबिटीज के मरीजों के लिए रामबाण हैं ये तीन तरह की रोटियां, लाइफ टाइम ब्लड शुगर रहेगा कंट्रोल
Ragi for Diabetes: रागी बाजरा परिवार का सदस्य है। इसमें कैल्शियम, पोटैशियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है।

इन दिनों बदलती लाइफस्टाइल और अनहेल्दी फूड्स के कारण डायबिटीज के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। ऐसे में इसे दुनिया का 'डायबिटीज कैपिटल' भी कहा जाने लगा है। इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है, लेकिन लाइफस्टाइल और खानपान में बदलाव कर ब्लड शुगर को कंट्रोल किया जा सकता है। शुगर के मरीजों को अपनी डाइट का विशेष ख्याल रखना चाहिए। डायबिटीज के मरीजों को लो कार्ब और हाई प्रोटीन डाइट की सलाह दी जाती है। हाई प्रोटीन डाइट में डायबिटीज के मरीजों को मरीजों गेहूं के आटे की जगह ज्वार, जौ रागी की रोटियां जरूर खानी चाहिए। अगर आप भी डायबिटीज के मरीज हैं, तो इन रोटियों को जरूर खाएं।

दरअसल, डायबिटीज भी दो तरह की होती हैं। टाइप 1 डायबिटीज में इंसुलिन का उत्पादन करने वाली कोशिकाओं नष्ट होने लगती है। वहीं टाइप 2 डायबिटीज में शरीर में पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन नहीं हो पाता है।

जौ की रोटियों से ब्लड शुगर रहता है डाउन

R. V. आयुर्वेद अस्पताल मुंबई के डॉक्टर अव्हाड गोरक्षनाथ (Dr. Avhad Gorakshnath) का कहना है कि जौ की गिनती मोटे अनाजों (मिलेट्स) में की जाती है। इसे दुनिया भर में चौथी सबसे महत्वपूर्ण अनाज की फसल माना जाता है। इसमें फाइबर, विटामिन A, विटामिन K, पॉलीफेनोल्स, फ्लेवोनोइड्स और एंटीऑक्सिडेंट का बढ़िया स्रोत है। ये सभी सेहत को कई तरह से फायदा पहुंचाते हैं। जौ का ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत कम होता है। जिससे ब्लड शुगर लेवल भी कंट्रोल में रहता है। जौ का आटा भी डायबिटीज के मरीजों के लिए एक स्वस्थ और पौष्टिक विकल्प है। जौ के आटा में कम कार्बोहाइड्रेट होता है और यह पाचन में भी आसान है। जौ ग्लूकोज के लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है।

सब समाचार

+ और भी पढ़ें