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आपका डॉक्टर असली है या झोलाछाप, इन आसान तरीकों से पहचानें, खुद को बचाएं ठगी से

How to Identify Real Doctor: मध्यप्रदेश के सागर जिले में झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ प्रशासन ने सख्त कार्रवाई शुरू की है। असली डॉक्टर को पहचानने के लिए उनकी डिग्री और पंजीकरण नंबर की जांच करें। यदि क्लीनिक में डिग्री प्रदर्शित नहीं है, तो खुद से पूछें और संबंधित मेडिकल काउंसिल से सत्यापित करें, ताकि फर्जी डॉक्टरों से बचा जा सके

अपडेटेड Apr 28, 2025 पर 3:58 PM
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How to Identify Real Doctor: इलाज से पहले डॉक्टर की डिग्री अवश्य जांचें

आज की तेज रफ्तार जिंदगी में हम जब भी बीमार पड़ते हैं, तो जल्द से जल्द इलाज पाने के लिए नजदीकी डॉक्टर या क्लीनिक का रुख कर लेते हैं। हमें लगता है कि जो सफेद कोट पहनकर बैठा है, वही भरोसेमंद होगा। लेकिन दमोह में हाल ही में हुए फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट के भंडाफोड़ ने इस भरोसे पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। इस खुलासे के बाद मध्यप्रदेश के  सागर जिले सागर जिले में झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ जबरदस्त कार्रवाई शुरू हो गई है। अब तक 30 से ज्यादा फर्जी क्लीनिक सील हो चुके हैं और कई को नोटिस भी दिए जा चुके हैं।

इस मुहिम ने लोगों में जागरूकता तो बढ़ाई है, लेकिन साथ ही ये सोचने पर मजबूर कर दिया है कि इलाज के नाम पर कहीं हम अपनी सेहत से खिलवाड़ तो नहीं कर रहे? ऐसे में असली डॉक्टर की पहचान करना अब हर मरीज की सबसे बड़ी जिम्मेदारी बन गई है।

इलाज से पहले डॉक्टर की डिग्री जरूर जांचें


लोकल 18 से बात करते हुए कहा बताया कि, स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारी डॉ. देवेश पटेरिया ने सलाह दी है कि इलाज कराते समय डॉक्टर की डिग्री जरूर चेक करें। चिकित्सा की तीन प्रमुख पद्धतियां होती हैं– एलोपैथी (MBBS), आयुर्वेदिक (BAMS) और होम्योपैथी (BHMS)। खासतौर पर याद रखें, एलोपैथिक इलाज सिर्फ MBBS डॉक्टर ही कर सकते हैं। अगर कोई BAMS या BHMS डॉक्टर आपको एलोपैथिक दवाएं या इंजेक्शन दे रहा है, तो वो नियमों का उल्लंघन कर रहा है। क्लीनिक में डिग्री लिखी होनी चाहिए, न हो तो पूछने में बिल्कुल न झिझकें।

जनता की सतर्कता

डॉ. पटेरिया ने जनता से अपील की है कि संदिग्ध डॉक्टरों की पहचान खुद करें और जरूरत पड़ने पर तुरंत प्रशासन को सूचित करें। प्रशासन छापेमारी तो कर सकता है, लेकिन असली बदलाव तभी आएगा जब आम लोग सतर्क रहेंगे। याद रखें, झोलाछाप डॉक्टर छोटी बीमारी को बड़ा खतरा बना सकते हैं, जो जानलेवा भी हो सकता है। इसलिए सतर्क रहना ही सबसे बेहतर बचाव है।

मेडिकल लापरवाही

जब डॉक्टर या नर्स मरीज की देखभाल के कर्तव्य को पूरा नहीं करता।

जब डॉक्टर या नर्स देखभाल के कर्तव्य का उल्लंघन करता है।

यदि इस उल्लंघन के कारण मरीज को शारीरिक या मानसिक नुकसान होता है।

मेडिकल दुर्व्यवहार

मेडिकल दुर्व्यवहार तब माना जाता है जब स्वास्थ्य सेवाप्रदाता, जैसे डॉक्टर, नर्स या अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ता, किसी रोगी को अपनी पेशेवर सेवाओं में उम्मीद से कम या गलत देखभाल देते हैं, जिससे मरीज को हानि होती है।

भारत में डॉक्टरों को प्रमाणित कौन करता है?

डॉक्टरों की प्रमाणिकता और पंजीकरण का काम राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण और भारत सरकार का स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय करता है।

कैसे पहचानें फर्जी डॉक्टर या अस्पताल?

फर्जी डॉक्टर या अस्पताल की पहचान उनके रजिस्ट्रेशन नंबर से की जा सकती है। इसे संबंधित राज्य चिकित्सा परिषद या मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर जाकर देखा जा सकता है।

कैसे चेक करें कि डॉक्टर पंजीकृत है या नहीं?

भारत में किसी डॉक्टर का पंजीकरण सत्यापित करने के लिए नेशनल मेडिकल काउंसिल की वेबसाइट (nmc.org.in) पर जाएं। यहां आप डॉक्टर का नाम, पंजीकरण नंबर, राज्य मेडिकल काउंसिल से डॉक्टर की सत्यता की जांच कर सकते हैं।

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