आजकल लोग हेडफोन का इस्तेमाल काफी ज्यादा करने लगे हैं। ऑफिस में काम हो या फिर घर में गाने सुनना, फिल्में और सीरीज देखना हो। हर काम के लिए हेडफोन का इस्तेमाल किया जाता है। कुछ लोग घंटों कान में हेडफोन लगाकर वॉक या एक्सरसाइज भी करते हैं। ट्रेवलिंग के दौरान भी लोग हेडफोन का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं। रात में सोते वक्त भी ईयरफोन लगाकर सोते हैं। अगर आपको भी ऐसी आदत है तो सावधान हो जाएं। यह सेहत के लिए बेहद हानिकारक साबित हो सकता है। इससे कान खराब और बहरे होने की नौबत आ सकती है।
बता दें कि अगर आप लंबे समय तक ईयर पॉड या नेकबैंड का इस्तेमाल करते हैं तो इससे आपके कानों को गंभीर नुकसान हो सकता है। इससे न सिर्फ सुनने की क्षमता कम हो जाती है। बल्कि कानों में 'घंटी बजने' की समस्या भी हो सकती है।
अगर आप दिन में 8-9 घंटे तक हेडफोन लगाकर काम करते हैं तो ये आपकी सेहत पर भारी पड़ सकता है। लंबे समय तक हेडफोन लगाने से कानों में हवा और ऑक्सीजन कम हो जाता है। जिससे ये कई बड़ी परेशानी पैदा हो सकती है। यह ईयरफोन या हेडफोन कान में जमा गंदगी को अंदर की ओर ले जाते हैं। इससे कानों में खराबी आ सकती है। ईयरफोन से तेज आवाज में गाने या वीडियो देखने से जो वाइब्रेशन होती है। उससे कानों की नसों पर दबाव पड़ता है। जिस वजह से ये नसें सूज सकती हैं। धीरे-धीरे सुनने की क्षमता कम होने लगती है और समय रहते इस पर ध्यान न देने से व्यक्ति बहरा भी हो सकता है।
ज्यादा समय तक हेडफोन लगाने और तेज आवाज में म्यूजिक सुनने से कान के पर्दे भी फट सकते हैं। एक्सपर्ट्स की मानें तो अगर आप 85 डेसिबल से ज्यादा आवाज को करीब 2 घंटे से अधिक सुनते हैं तो कानों में डैमेज हो सकता है। वहीं 105 से 110 डेसिबल लेवल की आवाज सिर्फ 5 मिनट में ही कानों को नुकसान पहुंचा सकती है।
लंबे समय तक और तेज आवाज में इनके इस्तेमाल से सुनने की क्षमता खत्म होने का खतरा बढ़ सकता है। लोकल 18 से बात करते हुए डॉ. शुभो बागची ने कहा कि वायरलेस हेडसेट और नेकबैंड का उपयोग करते समय, कभी भी वॉल्यूम बहुत अधिक न रखना चाहिए। इसकी वजह ये है कि ईयरफोन कान के बहुत करीब होते हैं। ऐसे में वॉल्यूम जितना कम होगा, उतना बेहतर होगा।
ईयरफोन और हेडफोन का बहुत कम करें इस्तेमाल
अगर आप इन डिवाइसेज का इस्तेमाल करते हैं तो वॉल्यूम कम रखें। इसके साथ ही ईयरफोन या हेडफोन का इस्तेमाल बहुत कम करें। इससे आप बहरेपन की समस्या से बच सकते हैं।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।