हमारे शरीर में बनने वाला यूरिक एसिड (Uric Acid) दरअसल एक वेस्ट प्रोडक्ट होता है, जो प्यूरीन नामक तत्व के टूटने पर बनता है। आमतौर पर ये किडनी द्वारा छानकर यूरिन के रास्ते बाहर निकाल दिया जाता है। लेकिन जब ये अधिक मात्रा में बनने लगे या किडनी इसे सही ढंग से बाहर न निकाल पाए, तो ये शरीर में जमा होने लगता है। इस स्थिति को मेडिकल भाषा में हाइपरयूरिसीमिया (Hyperuricemia) कहा जाता है। ये समस्या धीरे-धीरे गठिया (Gout), किडनी स्टोन, जोड़ों में सूजन और दर्द जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है।
सबसे बड़ी परेशानी ये है कि इसके शुरुआती लक्षण इतने आम होते हैं कि लोग इन्हें मामूली समझकर अनदेखा कर देते हैं। ऐसे में जरूरी है कि इसके संकेतों को समय रहते पहचान लिया जाए ताकि सही इलाज और परहेज से बड़ी समस्याओं से बचा जा सके
बार-बार पेशाब आने की समस्या
अगर आपको सामान्य से ज्यादा बार पेशाब आने लगता है, तो ये संकेत हो सकता है कि शरीर में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ा हुआ है। किडनी इस एक्स्ट्रा यूरिक एसिड को बाहर निकालने के लिए अधिक मेहनत करती है, जिससे बार-बार पेशाब आने लगता है। हालांकि ये डायबिटीज या यूटीआई (Urinary Tract Infection) का लक्षण भी हो सकता है, इसलिए जांच करवाना जरूरी है।
पीठ के निचले हिस्से में दर्द
कई बार यूरिक एसिड के क्रिस्टल्स किडनी में जमा होकर पथरी (Kidney Stones) का कारण बनते हैं, जिससे पीठ के निचले हिस्से में तेज दर्द महसूस होता है। खासकर अगर ये दर्द पेशाब करते समय हो रहा है, तो यूरिक एसिड की जांच करवा लेनी चाहिए।
अगर आप हमेशा खुद को थका हुआ महसूस करते हैं, तो ये भी हाई यूरिक एसिड का संकेत हो सकता है। शरीर में सूजन या इंफ्लेमेशन होने पर ऊर्जा का स्तर गिरता है, जिससे बिना ज्यादा मेहनत के भी थकावट महसूस होती है।
यूरिक एसिड जब जोड़ों में जमने लगता है, तो शुरुआत में हल्की सूजन, अकड़न या जलन होती है। अगर समय रहते इसे नजरअंदाज किया गया, तो ये गठिया जैसी गंभीर समस्या बन सकती है। ये दर्द अक्सर रात के समय ज्यादा महसूस होता है। सबसे पहले इसका असर अंगूठे के जोड़ पर देखा जाता है, लेकिन ये घुटनों, कोहनी और कलाई तक भी पहुंच सकता है।
जोड़ों के आसपास त्वचा में बदलाव
हाई यूरिक एसिड के कारण त्वचा पर भी असर दिखने लगता है। जोड़ों के आसपास की त्वचा लाल, चमकदार या खुरदरी हो सकती है। कभी-कभी वहां गांठें (Tophi) भी बन जाती हैं, जो दर्दनाक हो सकती हैं। यदि त्वचा का रंग या बनावट बदल रही हो, तो इसे हल्के में न लें।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।