मखाना यानी फॉक्सनट, भारत के पारंपरिक सुपरफूड्स में से एक है। व्रत में खाया जाने वाला ये कुरकुरा स्नैक अब हेल्थ कॉन्शस लोगों की पहली पसंद बन गया है। चाहे वेट लॉस करना हो या ब्लड शुगर कंट्रोल रखना—मखाना हर जगह फिट बैठता है। इसमें प्रोटीन, कैल्शियम और फाइबर अच्छी मात्रा में होते हैं, साथ ही ये ग्लूटन-फ्री और लो-कैलोरी भी होता है। यही वजह है कि लोग इसे अक्सर ओवरईट करने लगते हैं। लेकिन क्या मखाने को कभी भी, जितना मन करे उतना खा सकते हैं?
आयुर्वेद और न्यूट्रिशन एक्सपर्ट्स मानते हैं कि इसकी लिमिट तय होनी चाहिए, वरना फायदे की जगह नुकसान भी हो सकता है। आइए जानते हैं, मखाना ज्यादा खाने से शरीर पर क्या असर पड़ सकता है और इसकी सही मात्रा क्या है।
मखाना में फाइबर की मात्रा कम होती है। ऐसे में अगर आप इसे रोजाना या ज्यादा मात्रा में खाते हैं, खासकर तब जब आपको पहले से ही कब्ज की समस्या है, तो ये पाचन से जुड़ी परेशानियां बढ़ा सकता है। फाइबर की कमी की वजह से ये आंतों में मल को सॉफ्ट नहीं कर पाता, जिससे गैस, ब्लोटिंग और पेट में भारीपन जैसी शिकायतें हो सकती हैं। इसलिए इसे 'हल्का स्नैक' समझकर असीमित मात्रा में न खाएं।
मखाना को अक्सर वेट लॉस डाइट में शामिल किया जाता है, क्योंकि इसमें फैट कम होता है और ये जल्दी पेट भरने का एहसास देता है। लेकिन ध्यान दें, 100 ग्राम मखाने में लगभग 347 कैलोरी होती है। ऐसे में अगर आप भूख लगने पर बिना गिनती किए मखाने खाते रहेंगे, तो वजन घटने की बजाय बढ़ भी सकता है। डॉक्टर का कहना है कि हेल्दी स्नैक्स भी तब ही असरदार होते हैं जब उन्हें सही मात्रा में खाया जाए।
किडनी के मरीजों के लिए अलर्ट
मखाना में पोटैशियम की मात्रा बहुत ज्यादा होती है, जो सामान्य रूप से हार्ट और मसल फंक्शन के लिए फायदेमंद है। लेकिन जिन लोगों को किडनी से जुड़ी समस्याएं हैं, खासकर क्रॉनिक किडनी डिजीज या स्टोन की परेशानी है, उनके लिए ये हानिकारक साबित हो सकता है। किडनी के मरीजों को लो-पोटैशियम डाइट दी जाती है और ऐसे में मखाना का अधिक सेवन उनके लिए खतरा पैदा कर सकता है।
मखाना में आयरन, फॉस्फोरस, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे जरूरी पोषक तत्व भरपूर होते हैं। ये तत्व शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाते हैं, एजिंग को धीमा करते हैं और ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखते हैं। लेकिन याद रखें, किसी भी चीज का ज्यादा सेवन फायदे की जगह नुकसान दे सकता है। हर चीज को संतुलित मात्रा में लेना चाहिए।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।