पानी पीना सेहत के लिए जरूरी है, लेकिन अगर हर बार पानी पीते ही तुरंत पेशाब जाने की इच्छा होने लगे और ये आदत रोज की जिंदगी को प्रभावित करने लगे, तो इसे सामान्य समझकर नजरअंदाज करना सही नहीं है। अक्सर लोग इसे अच्छे हाइड्रेशन का संकेत मानते हैं, लेकिन कई बार ये शरीर में किसी अंदरूनी समस्या या गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकता है। बार-बार पेशाब जाने की आदत अगर लंबे समय तक बनी रहती है, तो ये ब्लैडर से जुड़ी समस्या, संक्रमण, डायबिटीज या प्रोस्टेट जैसी स्थिति का नतीजा हो सकती है। इसके अलावा ज्यादा कैफीन सेवन और बहुत ज्यादा पानी पीना भी इस समस्या को बढ़ा सकते हैं।
इसलिए जरूरी है कि समय रहते इसके कारणों को समझा जाए और जरूरत पड़ने पर डॉक्टर से सलाह ली जाए, ताकि इस परेशानी को गंभीर रूप लेने से रोका जा सके और आपकी दिनचर्या सामान्य बनी रहे।
क्या आप जरूरत से ज्यादा पानी पी रहे हैं?
अगर आप दिनभर में 3 लीटर या उससे ज्यादा पानी पी रहे हैं, तो ये संभव है कि शरीर उसका ज्यादा हिस्सा पेशाब के ज़रिए बाहर निकालेगा। लेकिन अगर आप सीमित मात्रा में पानी पीने के बाद भी बार-बार टॉयलेट जा रहे हैं, तो ये किसी अंदरूनी समस्या की ओर इशारा कर सकता है।
कैफीन है आपकी टॉयलेट ट्रिप का जिम्मेदार?
कॉफी, चाय, एनर्जी ड्रिंक या कोल्ड ड्रिंक जैसे पेय पदार्थों में मौजूद कैफीन एक प्राकृतिक डाइयूरेटिक होता है, जो शरीर में पेशाब बनने की प्रक्रिया को तेज कर देता है। अगर आप दिनभर में कैफीन युक्त चीजें ज्यादा लेते हैं, तो पेशाब की मात्रा और परेशानी दोनों बढ़ सकती हैं।
कहीं ओवरएक्टिव ब्लैडर तो नहीं?
कुछ लोगों को ‘ओवरएक्टिव ब्लैडर’ की समस्या होती है, जिसमें ब्लैडर की मांसपेशियां जरूरत से ज्यादा संवेदनशील हो जाती हैं। नतीजा? थोड़ी सी भी पेशाब बनने पर जोर से टॉयलेट जाने की इच्छा होती है। ये स्थिति कई बार नींद में खलल और मानसिक तनाव का कारण भी बन सकती है।
महिलाओं में आम लेकिन खतरनाक
अगर पानी पीते ही जलन के साथ पेशाब लगे या बार-बार टॉयलेट जाना पड़े, तो ये यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) का संकेत हो सकता है। खासतौर पर महिलाओं में ये समस्या अक्सर देखने को मिलती है। समय रहते इलाज न किया जाए, तो ये इंफेक्शन किडनी तक भी पहुंच सकता है।
डायबिटीज का हो सकता है शुरुआती लक्षण
बार-बार प्यास लगना और पेशाब जाना डायबिटीज के शुरुआती लक्षणों में गिना जाता है। शरीर जब खून में मौजूद अतिरिक्त ग्लूकोज को बाहर निकालने की कोशिश करता है, तो पेशाब बार-बार आता है। थकान और वजन घटने जैसे लक्षण भी साथ हों, तो तुरंत जांच कराना जरूरी है।
पुरुषों में प्रोस्टेट बढ़ना
बढ़ती उम्र के पुरुषों में प्रोस्टेट ग्रंथि का आकार बड़ा हो सकता है, जो मूत्र मार्ग पर दबाव डालता है। इससे पेशाब कम मात्रा में और बार-बार आता है। इस स्थिति में न सिर्फ मूत्र मार्ग पर असर पड़ता है, बल्कि नींद और दैनिक काम भी प्रभावित होते हैं।
अगर ये समस्या कभी-कभार हो तो चिंता की बात नहीं, लेकिन अगर ये आपकी डेली रूटीन का हिस्सा बन गई है, तो डॉक्टर से मिलना जरूरी है। समय पर जांच और सही इलाज से इस समस्या को कंट्रोल किया जा सकता है।