हड्डियों में दर्द कभी कैल्शियम की कमी से, तो कभी डी की कमी से होना आम बात है। ये बढ़ते बच्चों से लेकर, वयस्क और बुजुर्गों में भी देखने को मिलता है। लेकिन, हड्डियों में दर्द को कैल्शियम या विटामिन डी की कमी से जोड़ कर इसे नजरअंदाज करना कभी-कभी भारी पड़ सकता है। ये गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है। इसकी देखभाल शरीर के बाकी अंगों की तरह ही करनी चाहिए। हड्डियों की ताकत के लिए सीरम विटामिन डी की जांच जरूर करानी चाहिए। हड्डियों में असहनीय दर्द कैसर और टीबी जैसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है।
40-50 की उम्र में जरूर कराएं हड्डियों की जांच
40-50 साल की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते हमारे शरीर में हॉर्मोन बदलने लगते हैं। इस उम्र में हड्डियों पर असर दिखने लगता है। इसलिए जांच कराना जरूरी हो जाता है। दैनिक जागरण के साथ बातचीत में डा. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कालेज एवं अस्पताल कांगड़ा स्थित टांडा के हड्डी रोग विभाग के अध्यक्ष डा. विपिन शर्मा ने बताया कि जवानी में सेहत का ध्यान रखेंगे तो बुढ़ापे में हड्डियां परेशान नहीं करेंगी।
हड्डियों में संक्रमण से बचें
हड्डियों में किसी भी तरह की चोट लगने पर संक्रमण का बढ़ जाता है। बच्चों में जुकाम या किसी अन्य तरह का संक्रमण खून के रास्ते हड्डियों में संक्रमण फैल सकता है। हड्डियों का संक्रमण निकालना मुश्किल होता है। इसके लिए बार-बार सर्जरी करनी पड़ती है। इसलिए शरीर में संक्रमण होने पर पूरा इलाज कराना चाहिए।
हड्डियां कमजोर होने से बचाएं
युवाओं नशे की लत से दूर रहना चाहिए। काफी व चाय का सेवन कम करें। हड्डियों की मजबूती के लिए व्यायाम जरूर करें। हम जितना शरीर को हरकत में रखेंगे उतना ही हड्डियां मजबूत होंगी।
हड्डी रोगों से बचाव के लिए संतुलित आहार
संतुलित आहार हड्डियों के लिए भी जरूरी है। खाने में प्रोटीन जरूर लें। कार्बोहाइड्रेट्स और फैट कम होने चाहिए। टोफू पनीर, सोयाबीन, दूध और दही में भरपूर मात्रा में प्रोटीन होते हैं। इसके अलावा अडों में भी काफी प्रोटीन होता है।
हड्डियों में कैंसर या टीबी का पता कैसे चलेगा?
हड्डियों में दर्द इससे संबंधित किसी गंभीर बीमारी का पहला लक्षण है। बर्दाश्त से बाहर दर्द गंभीर बीमारी का खतरा हो सकता है। ऐसी स्थिति में तुरंत विशेषज्ञ डॉक्टर से गहनता से जांच की जानी चाहिए।
किस टेस्ट से हड्डी रोगों के बारे में पता करें?
बहुत सी बीमारियों में हड्डियां कमजोर होती हैं, लेकिन रूटीन जांच के साथ सीरम विटामिन डी टेस्ट करवाने से हड्डियों की दिक्कत के बारे में पता कर सकते हैं। विटामिन डी के स्तर का पता होना जरूरी है।
मौसम का भी हड्डी रोगों पर प्रभाव पड़ता है?
सर्दियों में ठंड के कारण मांसपेशियां सिकुड़ जाती हैं तो उस वजह से भी कई बार दर्द शुरू हो जाता है। गठिया का दर्द सर्दियों में बढ़ जाता है। सर्दियों में धूप में जरूर बैठें। सुबह की धूप का आनंद अवश्य लें।
महिलाएं आराम से बैठकर करें घर के काम
घुटनों के दर्द की शिकार महिलाएं ज्यादा होती हैं। अगर महिलाओं को समय रहते डॉक्टर से चेकअप कराना चाहिए। खान-पान का ध्यान रखना जरूरी है। उन्हें ऐसे काम नहीं करने चाहिए जिससे जोड़ों पर ज्यादा भार पड़ता है। बैठने वाले काम वह स्टूल पर बैठ कर कर सकती हैं।