भागदौड़ भरी लाइफस्टाइल, तनाव और गलत खान-पान ने लोगों की सेहत पर बुरा असर डाला है। डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल जैसी बीमारियां अब हर दूसरे-तीसरे व्यक्ति को जकड़ चुकी हैं। इनका इलाज दवाओं से तो होता ही है, लेकिन अगर आप नेचुरल तरीके अपनाएं, तो शरीर अंदर से मजबूत बनता है और बीमारी जड़ से काबू में आती है। खासतौर पर कुछ खास हर्बल पत्तियां जैसे कि करी पत्ता, तुलसी, गुड़मार और बेलपत्र, इन समस्याओं को कंट्रोल करने में बेहद असरदार मानी जाती हैं।
आयुर्वेद में भी इनका उल्लेख कई जगह किया गया है, क्योंकि ये न केवल ब्लड शुगर और बीपी को संतुलित करती हैं, बल्कि इम्यून सिस्टम को भी मजबूत बनाती हैं। अगर आप अपनी दिनचर्या में इन हर्बल पत्तियों को शामिल करते हैं, तो न केवल दवाओं पर निर्भरता कम होगी, बल्कि जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार होगा।
तुलसी को आयुर्वेद में "जड़ी-बूटियों की रानी" कहा जाता है। रोज सुबह खाली पेट 4-5 तुलसी की पत्तियां चबाने से टाइप 2 डायबिटीज में लाभ मिलता है। चाहें तो तुलसी की पत्तियों को उबालकर काढ़ा भी बना सकते हैं। इसके नियमित सेवन से ब्लड शुगर लेवल में सुधार होता है और पेट से जुड़ी समस्याएं भी दूर होती हैं।
गर्मी में खूब इस्तेमाल होने वाला पुदीना सिर्फ स्वाद के लिए नहीं, बल्कि सेहत के लिए भी फायदेमंद है। पुदीना शरीर को डिटॉक्स करता है और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है। इसके पत्तों का रस डायबिटीज के मरीजों के लिए बेहद लाभकारी है, साथ ही ये कोलेस्ट्रॉल को भी बैलेंस करता है।
नीम की पत्तियां औषधीय गुणों से भरपूर होती हैं। यह शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकालती हैं और इन्फेक्शन से बचाती हैं। नीम की पत्तियां एलडीएल (खराब कोलेस्ट्रॉल) और ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करती हैं। खाली पेट नीम की कुछ पत्तियां चबाना या पानी में उबालकर पीना बहुत लाभदायक है।
अक्सर तड़के में इस्तेमाल होने वाला करी पत्ता सिर्फ स्वाद नहीं बढ़ाता, बल्कि इसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल और एंटीऑक्सीडेंट गुण डायबिटीज और हाई कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। रोजाना करी पत्ते का सेवन ब्लड शुगर के स्तर को संतुलित बनाए रखने में सहायक हो सकता है।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।