गर्मियों में जामुन न सिर्फ स्वाद से भरपूर होता है, बल्कि सेहत के लिए भी किसी जादुई फल से कम नहीं। आयुर्वेद, यूनानी और चाइनीज चिकित्सा में इसे सेहत का रक्षक माना गया है। खासतौर पर जामुन की गुठलियां डायबिटीज के मरीजों के लिए वरदान साबित हो सकती हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि इसमें मौजूद जम्बोलिन और जम्बोसिन तत्व ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं और शरीर में इंसुलिन के स्तर को बढ़ाते हैं। जामुन सिर्फ डायबिटीज ही नहीं, बल्कि पाचन तंत्र को दुरुस्त करने, इम्युनिटी बढ़ाने और पेट की समस्याओं से राहत दिलाने में भी कारगर होता है।
इसकी गुठलियों को सुखाकर बनाया गया पाउडर ब्लड शुगर कंट्रोल करने में बेहद फायदेमंद होता है। अगर इसे सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए, तो यह सेहत का सुपरफूड साबित हो सकता है। आइए जानते हैं इसके चमत्कारी फायदे और सेवन का सही तरीका।
जामुन की गुठली से कैसे कंट्रोल होगा ब्लड शुगर?
जामुन और इसकी गुठली में जोम्बोलिन और जम्बोसिन नामक तत्व होते हैं, जो खून में ब्लड शुगर की रिलीज को धीमा कर देते हैं। इससे शरीर में इंसुलिन का स्तर बढ़ता है और डायबिटीज को नियंत्रण में रखा जा सकता है। नियमित सेवन से ब्लड शुगर बढ़ने की समस्या पर काबू पाया जा सकता है।
बार-बार पेशाब आने की समस्या से दिलाए राहत
आयुर्वेद के अनुसार, जामुन में एस्ट्रीन्जेंट और एंटी-ड्यूरेटिक गुण होते हैं, जो बार-बार पेशाब आने की समस्या को कम करने में मदद करते हैं। इसके अलावा, इसकी हाइपोग्लाइसेमिक प्रॉपर्टी तेजी से ब्लड शुगर लेवल को कम करने में सहायक होती है।
कैसे करें जामुन की गुठली का इस्तेमाल?
जामुन को धोकर किसी साफ बर्तन में रख लें।
इसके बीजों को अलग करके धो लें और साफ कपड़े पर सुखाएं।
3-4 दिन धूप में रखने के बाद बीजों का छिलका उतार लें।
अंदर के हरे भाग को और सुखाकर पीस लें।
तैयार पाउडर को एयरटाइट डिब्बे में स्टोर करें।
रोजाना सुबह खाली पेट एक गिलास पानी में एक चम्मच जामुन गुठली पाउडर मिलाकर पिएं।
बेहतर परिणाम के लिए इसे डॉक्टर की सलाह लेकर ही अपनाएं।
अगर आप डायबिटीज से परेशान हैं, तो इस घरेलू उपाय को अपनाकर अपनी सेहत को बेहतर बना सकते हैं।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।