Kidney Cancer: किडनी हमारे शरीर का सबसे अहम अंग होता है। किडनी हमारे के शरीर से खून को साफ करने, विषैले पदार्थ बाहर निकालने, ब्लड प्रेशर नियंत्रित करने और पीएच को बैलेंस बनाए रखने में मदद करती है। इसलिए इसकी सही देखभाल बहुत जरूरी है। आजकल किडनी से जुड़ी बीमारियां लोगों में तेजी से बढ़ रही हैं। वहीं किडनी कैंसर की बिमारी से भी काफी लोग परेशान है। किडनी कैंसर को अक्सर "साइलेंट किलर" कहा जाता है, क्योंकि इसके लक्षण शुरू में दिखाई नहीं देते। लेकिन अगर इसे समय रहते पहचान लिया जाए, तो इसका इलाज करवाना आसान हो सकता है और जान बचाई जा सकती है।
इसलिए जरूरी है कि इसके शुरुआती लक्षणों को हल्के में न लें। अगर आपको अपने शरीर ये लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
यूरिन में खून आना यानी हेमट्यूरिया किडनी कैंसर का शुरुआती लक्षण हो सकता है। इसमें यूरिन का कलर पिंक, लाल या भूरा नजर आ सकता है, जो आमतौर पर दर्द के बिना होता है। कई बार लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं क्योंकि यह कुछ दिनों में खुद ठीक भी हो जाता है। लेकिन यह संकेत संक्रमण या पथरी का भी हो सकता है, इसलिए इसे हल्के में न लें।
अगर पीठ के निचले हिस्से या एक तरफ लगातार दर्द बना रहता है, तो यह किडनी कैंसर का संकेत हो सकता है। यह दर्द किसी चोट के बिना शुरू होता है और समय के साथ बढ़ता जाता है, क्योंकि ट्यूमर आसपास की नसों पर दबाव डालने लगता है। अक्सर लोग इसे आम पीठ दर्द समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, जबकि यह लंबे समय तक बना रहता है। अगर यह दर्द पेशाब में खून आने जैसे किसी और लक्षण के साथ दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से जांच कराना जरूरी है।
अगर बिना डाइट बदले या एक्सरसाइज किए वजन तेजी से घटने लगे तो इसे हल्के में न लें। यह किडनी कैंसर का एक छुपा हुआ लक्षण हो सकता है, क्योंकि कैंसर शरीर के मेटाबॉलिज्म और पोषण की प्रक्रिया पर असर डालता है। अक्सर लोग इसे तनाव या काम की भागदौड़ का असर मानकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन अगर वजन घटने के साथ थकान या भूख न लगने जैसे लक्षण भी दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से जांच कराना जरूरी है। शुरुआती स्टेज में इलाज मिलने पर ठीक होने की संभावना ज्यादा रहती है।
अगर पीठ के निचले हिस्से, बगल या पसलियों के नीचे कोई लंप्स या सूजन फील हो, तो इसे नजरअंदाज न करें। यह किडनी में ट्यूमर बढ़ने का संकेत हो सकता है। कभी-कभी यह लंप्स खुद जांच करने पर महसूस हो जाती है और कई बार डॉक्टर भी सामान्य जांच में इसका पता लगा लेते हैं। हालांकि सभी गांठें कैंसर वाली नहीं होतीं, लेकिन अगर कोई सूजन लंबे समय तक बनी रहे तो अल्ट्रासाउंड या सीटी स्कैन जैसी जांच जरूर करवाएं, ताकि सही कारण पता चल सके और समय रहते इलाज शुरू हो सके।
किडनी कैंसर में बिना किसी कारण लंबे समय तक थकान महसूस होना एक आम लक्षण है, जिसे लोग अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं। यह थकान आम थकावट जैसी नहीं होती और आराम करने पर भी ठीक नहीं होती। ट्यूमर की वजह से शरीर में खून की कमी हो सकती है, जिससे कमजोरी और सुस्ती आती है। अगर थकान के साथ-साथ वजन कम हो रहा हो, पेशाब में खून दिखे या शरीर में दर्द हो, तो तुरंत डॉक्टर से जांच करवानी चाहिए। समय पर पता चलने से इलाज ज्यादा असरदार होता है।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।