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Malaria: बारिश में चक्कर, बदन दर्द या सिरदर्द? मलेरिया दे रहा है दस्तक, न करें अनदेखा!

Malaria: बारिश के मौसम में मलेरिया का खतरा तेजी से बढ़ जाता है। खासकर दिल्ली-एनसीआर जैसे इलाकों में हाल के दिनों में इसके मामले काफी बढ़े हैं। ऐसे में जरूरी है कि लोग सतर्क रहें और मच्छरों से बचाव के उपाय करें। थोड़ी सी सावधानी आपको इस गंभीर बीमारी से सुरक्षित रख सकती है

अपडेटेड Aug 04, 2025 पर 1:51 PM
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Malaria: इस बीमारी से बचने के लिए सबसे पहला कदम है मच्छरों को पैदा होने से रोकना।

बारिश का मौसम आते ही चारों तरफ हरियाली और ठंडक का अहसास तो होता है, लेकिन इसी मौसम के साथ कई बीमारियां भी दस्तक देती हैं। खासकर मलेरिया जैसी बीमारी, जो हर साल मानसून के दौरान बड़ी संख्या में लोगों को अपना शिकार बनाती है। इस समय दिल्ली-एनसीआर समेत कई इलाकों में मलेरिया के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है। लगातार हो रही बारिश, जगह-जगह जलभराव और साफ-सफाई की कमी मच्छरों के पनपने का कारण बनते हैं, जिससे मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा और बढ़ जाता है। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि लोग न सिर्फ अपने घर बल्कि आसपास के वातावरण को भी स्वच्छ और सूखा रखें।

थोड़ी सी जागरूकता और समय पर सतर्कता आपको और आपके परिवार को इस खतरनाक बीमारी से सुरक्षित रख सकती है। इसलिए इस मानसून में मलेरिया को हल्के में न लें और समय रहते सावधानी जरूर बरतें।

बारिश में क्यों बढ़ता है मलेरिया?


मलेरिया का मुख्य कारण है मच्छर और बारिश में जलभराव इसकी जड़ है। लगातार होने वाली बारिश, गंदा पानी जमा होना और आसपास की सफाई न होना मच्छरों के पनपने के लिए आदर्श माहौल बना देता है। डॉक्टरों की मानें तो इस मौसम में बच्चों और बुजुर्गों को खासतौर पर मलेरिया के संक्रमण का ज्यादा खतरा होता है, क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है।

कैसे पहचाने मलेरिया के लक्षण?

मलेरिया की शुरुआत आमतौर पर तेज बुखार से होती है, जो कंपकंपी, सिर दर्द और बदन दर्द के साथ आता है। कई मामलों में ये बुखार लगातार आता-जाता रहता है। यदि समय पर इलाज न हो तो ये शरीर के कई अंगों जैसे लिवर, किडनी और दिमाग पर असर डाल सकता है। पीलिया और ब्रेन डैमेज जैसे गंभीर लक्षण भी देखे जा सकते हैं।

मलेरिया से बचाव कैसे करें?

इस बीमारी से बचने के लिए सबसे पहला कदम है मच्छरों को पैदा होने से रोकना। घर और आसपास पानी जमा न होने दें। रात में सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें। शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें और मच्छर भगाने वाले डीईईटी बेस्ड लोशन या स्प्रे का इस्तेमाल करें।

तेज बुखार को न करें नजरअंदाज

अगर बारिश के मौसम में आपको तेज बुखार हो तो इसे वायरल समझकर घरेलू इलाज में न उलझें। डेंगू, मलेरिया, टायफाइड और पीलिया जैसी बीमारियां भी इसी मौसम में सक्रिय हो जाती हैं। ऐसे में जरूरी है कि तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और ब्लड टेस्ट कराएं। सही समय पर इलाज शुरू न किया जाए तो मलेरिया जानलेवा भी साबित हो सकता है।

सतर्कता से ही मिलेगा सुरक्षित मानसून

इस मानसून में बीमारियों से खुद को सुरक्षित रखना आपकी जिम्मेदारी है। मलेरिया जैसी बीमारी से बचाव मुमकिन है, बस जरूरत है थोड़ी सी जागरूकता और साफ-सफाई की। मौसम भले ही सुहाना हो, लेकिन लापरवाही भारी पड़ सकती है। इसलिए सतर्क रहें और स्वस्थ रहें।

डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

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