गर्मी के मौसम में सेहत का खजाना बनकर उभरा है बुंदेलखंड का मुनगा। छतरपुर जिले में इन दिनों मुनगा यानी सहजन, मोरिंगा या सुजना की जबरदस्त चर्चा हो रही है। ये लंबी हरी फलियों वाला पौधा न सिर्फ सब्जी के तौर पर स्वाद में लाजवाब है, बल्कि सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद माना जा रहा है। खास बात ये है कि ये पौधा कम पानी और देखभाल में भी तेजी से बढ़ता है, इसलिए अब गांवों से लेकर शहरों तक लोग इसे घर के आंगन और खेतों में लगाना शुरू कर चुके हैं।
मुनगा की पत्तियां और फलियां दोनों औषधीय गुणों से भरपूर होती हैं और शरीर को ताकत देने का काम करती हैं। यही कारण है कि छतरपुर में इसकी मांग तेजी से बढ़ रही है और किसान भी इसकी खेती की तरफ आकर्षित हो रहे हैं। आइए जानें मुनगा से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें और इसके फायदे
मुनगा का वैज्ञानिक नाम Moringa Oleifera है और ये आयुर्वेद में 300 से अधिक रोगों के इलाज में उपयोग होता है। ये पौधा साल भर फल देता है और इसकी लंबी फलियां यानी ड्रमस्टिक न केवल स्वाद में लाजवाब होती हैं, बल्कि औषधीय गुणों से भरपूर भी हैं। मुनगा की पत्तियाँ भी विटामिन, मिनरल और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती हैं जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती हैं।
छतरपुर के जाने-माने आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. राजेश अग्रवाल लोरल 18 से बात करते हुए बताते हैं कि मुनगा में एंटी-डायबिटिक, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। ये श्वास संबंधी बीमारियों में राहत देता है, ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है और शरीर में सूजन कम करने में सहायक होता है। इसलिए यह पौधा स्वास्थ्य के लिए वरदान माना जाता है और डॉक्टर भी मरीजों को इसे खाने की सलाह देते हैं।
स्वाद में भी है मुनगा कमाल
मुनगा की फलियों से बनी सब्जी बेहद स्वादिष्ट होती है। इसे दाल के साथ, आलू के साथ या अकेले ही सब्जी की तरह बनाया जाता है। खास बात ये है कि सर्दियों में इसका सेवन शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है। मुनगा की सब्जी खाने से न सिर्फ स्वाद बढ़ता है बल्कि सेहत भी बेहतर होती है।
छतरपुर में मुनगा की बढ़ती लोकप्रियता
छतरपुर और आसपास के क्षेत्रों में मुनगा की मांग तेजी से बढ़ रही है। किसान इसे बंजर और सूखी जमीन में भी आसानी से उगा सकते हैं क्योंकि ये पौधा कम देखभाल में भी बढ़ता है। ग्रामीण और शहरी लोग अपने घरों के आंगन या खेतों में मुनगा लगाकर इससे स्वास्थ्य लाभ उठा रहे हैं। इसकी खेती से किसानों को आर्थिक लाभ भी मिल रहा है।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।