Credit Cards

Rabies Infection: इन जानवरों के बिना काटे भी हो सकता है रेबीज, जानिए लक्षण और बचाव

Rabies Infection: रेबीज एक खतरनाक इंफेक्शन है। यह संक्रमित जानवर के काटने पर होता है। सही इलाज ना मिलने पर यह मरीज की जान भी ले सकता है। इसलिए इन जानवरों से बिल्कुल दूर रहें। वहीं कुछ ऐसे जानवर भी हैं, जिनके सिर्फ खरोंच से रेबीज हो सकता है। रेबीज ऐसी बीमारी है। जिसके फैलने से पहले इलाज न हो तो जान बचाना मुश्किल हो सकता है

अपडेटेड Mar 02, 2024 पर 1:00 PM
Story continues below Advertisement
Rabies Infection: कुत्ते के काटने पर सबसे पहले उस जगह को धोना चाहिए।

Rabies Infection: कुत्ते का काटना काफी खतरनाक होता है। गली-मुहल्ले और सड़क पर घूमते कुत्ते अक्सर आते-जाते लोगों को काट लेते हैं। पैर या शरीर के किसी भी अंग में काट सकते हैं। ऐसे में अगर कुत्तों में जहर खत्म करने का टीका न लगा हो तो वह ज्यादा खतरनाक हो सकता है। इससे असहनीय दर्द तो होता ही है। इसके साथ ही ढेर सारे इंजेक्शन भी लगवाना पड़ता है। अगर सही समय पर इंजेक्शन (Dog Bite Injection) न लगवाया जाए तो रेबीज की बीमारी की चपेट में आ सकते हैं। इसके अलावा कुछ जानवर ऐसे भी होते हैं। जिनके सिर्फ खरोंच से रेबीज हो सकता है।

कुत्ता काटने पर सबसे पहले उस जगह को धोना चाहिए। डिटर्जेंट साबुन जैसे कि रिन या सर्फ एक्सेल साबुन से इसे धोना चाहिए। अगर जख्म काफी गहरा है तो उस जगह साबुन से धोकर बिटाडिन मलहम लगाएं। इससे रेबीज वायरस का असर थोड़ा कम करने में मदद मिलती है। इसके साथ ही कुत्ते काटने के बाद टिटनस का इंजेक्शन भी सबसे पहले लगवाना चाहिए। टिटनेस का इंजेक्शन घाव ठीक करने के लिए नहीं बल्कि वैक्सीन की तरह काम करता है।

जानिए क्या है रेबीज


रेबीज एक ऐसी बीमारी है जो रेबीज नाम की विषाणु से फैलते हैं। खासकर यह जानवरों की बीमारी है। अगर किसी जानवर को यह बीमारी है। उसने किसी इंसान को काट लिया है तो यह बीमारी उसमें भी फैल जाएगी। यह विषाणु इंफेक्टेड जानवरों के लार में होता है। जब कोई इस बीमारी से इंफेक्टेड जानवर इंसान को काट लेता है तो यह विषाणु लार के जरिए इंसान के ब्लड में चला जाता है। रेबीज से संक्रमित जानवर के काटने से रेबीज का संक्रमण फैलता है। ज्यादातर मामलों में मनुष्यों में यह बीमारी कुत्ते के काटने या खरोंचने से भी होती है। इस बीमारी के लक्षण इंसान में कई महीनों से लेकर कई वर्षों तक में दिखाई देते हैं। हालांकि, आमतौर पर ये लक्षण 1 से 3 महीनों में दिखाई देते हैं।

ये 4 जानवर भी फैला सकते हैं रेबीज

बंदर

घोड़ा

लोमड़ी

रेकून

जानिए कब लगवाना चाहिए इंजेक्शन

डॉक्टर के मुताबिक, कुत्ते के काटने के 24 घंटे के भीतर तक एंटी रेबीज का इजेक्शन लगवाना बेहद जरूरी है। वरना कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। अक्सर कुत्ता काटने के बाद 5 इंजेक्शन लगवाना पड़ सकता है। लेकिन पहला इंजेक्शन 24 घंटे में ही लग जाना चाहिए। इसके बाद दूसरा इंजेक्शन तीसरे दिन, तीसरा 7वें दिन, चौथा 14वें दिन और आखिरी 28वें दिन लगता है। डॉक्टर बताते हैं कि कभी-कभी इंजेक्शन लगाने के बाद कुछ लोगों को बुखार जैसी समस्या हो सकती है। हालांकि, इसके लिए घबराने की जरूरत नहीं है।

जानवर के काटने पर तुरंत करें ये काम

अगर आपको कुत्ता, चमगादड़ या किसी अन्य जानवर ने काटा है तो तुरंत घाव को साबुन और पानी से कम से कम 15 मिनट तक धोएं। घाव की मलहम-पट्टी करें और एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवाएं। अगर जरूरत पड़े तो डॉक्टर से बात करके रेबीज इम्युनोग्लोबुलिन और मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज ट्रीटमेंट करवाएं।

डिस्क्लेमर - यहां बताए गए उपाय सिर्फ सामान्य ज्ञान पर आधारित हैं। इसके लिए आप किसी हेल्थकेयर प्रोफेशनल से सलाह लेने के बाद ही अपनाएं।

Diabetes: गुड़मार से ब्लड शुगर फौरन होगा कंट्रोल, अन्य बीमारियों में भी है फायदेमंद, जानिए कैसे करें सेवन

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।