Chinese chaste tree: जंगली झाड़ी नहीं, संभालू है औषधीय गुणों से भरपूर पौधा, अस्थमा समेत 20 बीमारियों का है कारगर इलाज
Chinese chaste tree: हमारे आस-पास कई ऐसे पौधे होते हैं जो औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। इन्हीं में से एक है संभालू, जिसे Chinese Chaste Tree भी कहते हैं। शायद आपने इसका नाम पहले न सुना हो, लेकिन यूनानी चिकित्सा में इसका उपयोग कई बीमारियों के इलाज में किया जाता है, क्योंकि इसमें रोगनाशक गुण मौजूद होते हैं
Chinese Chaste Tree: संभालू की हरी पत्तियों का रस आंखों में डालने से दृष्टि तेज हो सकती है।
प्रकृति के खजाने में ऐसे कई अनमोल पौधे छिपे हैं, जो न केवल हमारे स्वास्थ्य की रक्षा करते हैं, बल्कि गंभीर बीमारियों के इलाज में भी सहायक होते हैं। आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा पद्धतियों में हजारों वर्षों से इन औषधीय पौधों का प्रयोग होता आया है। तुलसी, गिलोय और आंवला जैसे पौधे भले ही हर घर में जाने-पहचाने हों, लेकिन कई ऐसे दुर्लभ पौधे भी हैं जिनकी विशेषताएं आज भी लोगों के लिए अनजान हैं। ऐसा ही एक औषधीय पौधा है संभालू, जिसे Chinese Chaste Tree भी कहा जाता है।
ये पौधा ना केवल अपने औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है, बल्कि कई तरह की बीमारियों जैसे सर्दी, खांसी, गठिया, मासिक धर्म की समस्या और त्वचा रोगों में इसके उपयोग से चमत्कारी लाभ मिलते हैं। चलिए जानते हैं कि संभालू कैसे हमारी सेहत के लिए एक वरदान साबित हो सकता है।
आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा में महत्व
संभालू न सिर्फ आयुर्वेद में बल्कि यूनानी चिकित्सा पद्धति में भी इस्तेमाल किया जाता है। ये एक छोटा, पतला पेड़ होता है जो 2 से 8 मीटर तक ऊंचा हो सकता है। इसकी छाल पतली, धूसर या लाल-भूरे रंग की होती है। इस पौधे के पत्ते, फूल, बीज और जड़ें—सभी में औषधीय गुण पाए जाते हैं और इन्हें विभिन्न रोगों के इलाज में दवाओं के रूप में प्रयोग किया जाता है।
खांसी और फोड़े का घरेलू इलाज
संभालू के बीजों को सिरके में भिगोकर गर्म सेंक के रूप में इस्तेमाल करने से पेट फूलना, खांसी और फोड़े-फुंसी जैसी समस्याएं ठीक हो सकती हैं। ये कुष्ठ, दमा और मलाशय से जुड़ी परेशानियों में भी लाभदायक माना गया है।
मासिक धर्म में दर्द से राहत
महिलाओं के लिए ये पौधा विशेष रूप से फायदेमंद हो सकता है। संभालू के बीजों का चूर्ण मासिक धर्म को नियमित करने और उससे जुड़ी पीड़ा को कम करने में मदद करता है। प्लीहा (तिल्ली) की सूजन में भी इसके बीजों का उपयोग फायदेमंद होता है, विशेषकर जब इसे सिकंदरा के साथ लिया जाए।
जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द में फायदेमंद
संभालू के फलों का चूर्ण गोली बनाकर सेवन करने से जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है। इसके पत्तों को पीसकर बुखार में उपयोग किया जा सकता है। इसके अलावा ये पीठ दर्द और सिरदर्द को भी कम करने में सहायक होता है।
आंखों की रोशनी के लिए लाभकारी
संभालू की हरी पत्तियों का रस आंखों में डालने से दृष्टि तेज हो सकती है। इसके अलावा पेट की गैस और गर्मी की समस्या से राहत पाने के लिए इसके पत्तों को गर्म करके प्रभावित हिस्से पर लगाया जा सकता है।
दांतों और मसूड़ों को बनाता है मजबूत
संभालू की पत्तियों से तैयार काढ़ा मुंह के छाले, गले के दर्द और दांत दर्द में बहुत प्रभावी होता है। पत्तियों को रातभर ठंडे पानी में भिगोकर उससे सुबह गरारे करने से मसूड़ों की सूजन, खून आना, दुर्गंध और अत्यधिक लार की समस्याएं भी ठीक होती हैं।
गंभीर रोगों में भी उपयोगी
संभालू के फूल, पत्ते और बीज कई तरह की बीमारियों जैसे सिरदर्द, चर्म रोग, सर्दी, यूट्रस और ओवेरियन की सूजन और गठिया जैसी समस्याओं में असरदार होते हैं। परंतु इसका उपयोग शुरू करने से पहले विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लेनी चाहिए।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।