भारत के कई ग्रामीण इलाकों में ताड़ के पेड़ बड़ी आसानी से देखे जा सकते हैं। इन पेड़ों पर लगने वाला फल, जिसे तारकुन या आइस एप्पल कहा जाता है, गर्मियों में एक प्राकृतिक राहत देने वाला फल माना जाता है। पहली नजर में यह फल नारियल जैसा दिखाई दे सकता है, लेकिन इसका स्वाद, बनावट और पोषण से जुड़ी खूबियां इसे पूरी तरह अलग बनाती हैं। तारकुन अंदर से जेली जैसा नरम और रसीला होता है, जो न केवल प्यास बुझाने में मदद करता है, बल्कि शरीर को ठंडक भी देता है। इसमें मौजूद प्राकृतिक फाइबर, मिनरल्स और इलेक्ट्रोलाइट्स इसे सेहत के लिहाज से बेहद खास बनाते हैं।
ये पाचन सुधारने, शरीर से टॉक्सिन्स निकालने और पेट की समस्याओं से राहत देने में भी मददगार होता है। इस फल का सेवन खासकर गर्मियों में बेहद लाभकारी माना जाता है। आइए जानें तारकुन के कुछ अहम फायदों के बारे में।
पेट को ठंडक पहुंचाता है तारकुन
तारकुन की तासीर ठंडी होती है, जो गर्मी में पेट को ठंडक देने का काम करती है। इसे खाने से पाचन एंजाइम्स बढ़ते हैं, जिससे खाना जल्दी पचता है। ये एसिडिटी को भी कम करता है और मतली या उल्टी जैसी परेशानी में राहत देता है। गर्मी में इसका सेवन पेट को बहुत सुकून देता है।
तारकुन में अच्छी मात्रा में फाइबर पाया जाता है। ये फाइबर हमारे पाचन तंत्र को मजबूत करता है और मेटाबोलिज्म को भी तेज करता है। जो लोग कब्ज से परेशान रहते हैं, उनके लिए तारकुन बहुत फायदेमंद है क्योंकि ये पेट साफ रखने में मदद करता है।
यूटीआई से राहत दिलाने में मददगार
अगर आपको बार-बार पेशाब में जलन या दर्द की समस्या होती है, तो तारकुन आपके लिए राहत का जरिया बन सकता है। ये एक नेचुरल ड्यूरेटिक होता है यानी शरीर से एक्स्ट्रा पानी और टॉक्सिन्स बाहर निकालता है। साथ ही ये बैक्टीरिया को खत्म करने में भी मदद करता है, जिससे ब्लैडर हेल्दी रहता है।
क्यों जरूर खाना चाहिए तारकुन ?
गर्मी में शरीर को ठंडक देने, पेट साफ रखने और यूरिन से जुड़ी परेशानियों से राहत पाने के लिए तारकुन एक बेहतरीन फल है। इसका स्वाद भी हल्का मीठा और ठंडा होता है, जो इसे और खास बनाता है। तो जब भी गर्मियों में तारकुन दिखे, उसे जरूर आजमाएं।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।