रोज सुबह दौड़ने का मन हो लेकिन बाहर बारिश हो रही हो ऐसे में ट्रेडमिल किसी हीरो से कम नहीं लगती। वहीं अगर मौसम अच्छा हो, हल्की धूप हो और हवा में ताजगी हो, तो बाहर दौड़ना शरीर और मन दोनों को तरोताजा कर देता है। लेकिन क्या आप भी बात से क्नफ्यूज हैं कि दोनों में कौन सा तरीका ज्यादा असरदार है ? तो आपके लिए ये जानना जरूरी है कि ट्रेडमिल का सर्फेस नरम और थोड़ा कुशन जैसा होता है, जिससे आपके घुटनों, टखनों और एड़ियों पर झटका कम पड़ता है। अगर आप किसी चोट से उबर रहे हैं या पहले से घुटनों में दर्द है, तो ट्रेडमिल आपके लिए ज्यादा सुरक्षित ऑप्शन हो सकता है।
दूसरी तरफ बाहर दौड़ते वक्त कई बार पक्की या कठोर सतहों पर पांव पड़ता है जिससे लंबे समय तक दौड़ने पर जॉइंट्स पर ज्यादा दबाव आ सकता है, खासकर अगर जूते सही नहीं हों तो ज्यादा दिक्कत होती है।
वजन घटाने के लिए क्या है असरदार?
अगर बात सिर्फ कैलोरी बर्न की हो तो आउटडोर रनिंग थोड़ा आगे निकलती है। रास्ते, हवा का दबाव और प्राकृतिक रुकावटों की वजह से आपकी बॉडी को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है, जिससे कैलोरी ज्यादा बर्न होती है। ट्रेडमिल में आप ढलानसेट कर सकते हैं, लेकिन बाहर दौड़ने वाली रियल चुनौतियों जैसी बात नहीं होती।
दिमाग और मूड के लिए क्या अच्छा है?
ताजी हवा में दौड़ना, पक्षियों की आवाज सुनना और हरियाली देखना ये सब मिलकर आपका मूड बेहतर करते हैं, तनाव घटाते हैं और आपको मानसिक रूप से भी फिट रखते हैं। वहीं, ट्रेडमिल थोड़ा मोनोटोनस हो सकता है, एक ही जगह जिससे बोरियत भी हो सकती है।
अब सवाल ये उठता है कि दोनों में से कौन सा तरीका ज्यादा असरदार है तो बता दें कि अगर आपके घुटने कमजोर हैं या रुटीन बनाना चाहते हैं, तो ट्रेडमिल सही है वहीं अगर आपको वजन घटाना है, और साथ में दिमागी फ्रेशनेस भी चाहिए, तो बाहर दौड़ना ज्यादा असरदार है। कुल मिलाकर ट्रेडमिल पर रनिंग करना या बाहर जाकर दौड़ना दोनों ही सेहत के लिए फायदेमंद हैं.