टाइप 2 डायबिटीज एक क्रॉनिक यानी लंबे समय तक रहने वाली बीमारी है, जिसे अक्सर 'साइलेंट किलर' कहा जाता है। इसका मुख्य कारण शरीर में इंसुलिन का सही तरीके से काम न करना या उसकी कमी होना है। इंसुलिन की गड़बड़ी के कारण ब्लड में ग्लूकोज का स्तर बढ़ने लगता है, जिससे शरीर के कई अंग प्रभावित हो सकते हैं। यह बीमारी धीरे-धीरे विकसित होती है और कई बार इसके लक्षण देर से सामने आते हैं, इसलिए लोग समय रहते इसे पहचान नहीं पाते। डायबिटीज का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन इसे नियंत्रित कर एक सामान्य और स्वस्थ जीवन जिया जा सकता है।
इसके लिए सबसे जरूरी है सही खानपान, नियमित व्यायाम और समय-समय पर ब्लड शुगर की जांच। समय पर ध्यान न देने से आंखों, किडनी, हृदय और नसों से जुड़ी कई जटिलताएं हो सकती हैं। इसलिए डायबिटीज को गंभीरता से लेना बेहद जरूरी है।
क्यों मुश्किल होता है टाइप 2 डायबिटीज को कंट्रोल करना?
टाइप 2 डायबिटीज तब होती है जब शरीर इंसुलिन का सही इस्तेमाल नहीं कर पाता या पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बना पाता। इंसुलिन की कमी के कारण शरीर में ग्लूकोज जमा होने लगता है और ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है, जिसे हाइपरग्लाइसीमिया कहा जाता है।
डायबिटीज में फलों से करें परहेज या नहीं?
अक्सर डायबिटीज के मरीज ये सोचते हैं कि फल नहीं खाने चाहिए क्योंकि इनमें शुगर होती है। लेकिन सच्चाई ये है कि सभी फलों में शुगर की मात्रा समान नहीं होती। हेल्दी डाइट में कुछ खास फल शामिल किए जा सकते हैं जो ब्लड शुगर को नुकसान नहीं पहुंचाते।
इन फलों में होती है ज्यादा शुगर और कार्ब्स
कुछ फलों में कार्बोहाइड्रेट और प्राकृतिक शुगर की मात्रा ज्यादा होती है।
100 ग्राम खजूर में लगभग 69 ग्राम कार्ब्स और 66 ग्राम शुगर होती है।
केले में 20 ग्राम कार्ब्स और 12 ग्राम शुगर पाई जाती है।
अनार में लगभग 14 ग्राम कार्ब्स और शुगर दोनों होते हैं।
अंगूर में 16 ग्राम कार्ब्स और शुगर पाई जाती है।
इसका मतलब यह नहीं कि इन्हें पूरी तरह छोड़ देना चाहिए, बल्कि इन्हें सीमित मात्रा में खाया जा सकता है।
डायबिटीज में कौन से फल हैं फायदेमंद?
ऐसे फल जिनमें फाइबर अधिक हो और ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) 55 से कम हो, वे डायबिटीज के मरीजों के लिए बेहतर माने जाते हैं।
सेब, संतरा, केला, आम और खजूर जैसे फलों का GI 55 से कम होता है।
इन फलों को सीमित मात्रा में और सही पोर्शन में शामिल किया जा सकता है।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।