यूरिक एसिड शरीर में बनने वाला एक सामान्य तत्व है, जो तब बनता है जब हम ऐसा खाना खाते हैं जिसमें प्यूरिन नामक तत्व पाया जाता है। प्यूरिन लाल मांस, कुछ दालों, मछली, बीयर और खास सब्जियों में मौजूद होता है। ये तत्व शरीर में टूटकर यूरिक एसिड बनाता है। आमतौर पर ये यूरिक एसिड खून में घुलकर किडनी के जरिए पेशाब के रास्ते बाहर निकल जाता है। लेकिन जब शरीर में इसकी मात्रा ज्यादा बनने लगती है या किडनी इसे सही ढंग से बाहर नहीं निकाल पाती, तो ये धीरे-धीरे शरीर में जमा होने लगता है।
समय के साथ ये जमा हुआ यूरिक एसिड गंभीर दिक्कतों का कारण बन सकता है, जैसे कि जोड़ों में सूजन, गाउट, और किडनी की पथरी। इसलिए यूरिक एसिड को नियंत्रण में रखना बेहद जरूरी होता है ताकि भविष्य में होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं से बचा जा सके।
यूरिक एसिड से कैसे बनती है किडनी पथरी?
जब यूरिक एसिड लंबे समय तक शरीर में जमा रहता है, तो ये धीरे-धीरे किडनी में क्रिस्टल के रूप में जमा हो सकता है और पथरी बन जाती है। ये पथरी पेशाब के समय तेज दर्द, जलन और असहजता का कारण बनती है। ज्यादा यूरिक एसिड टाइप-2 डायबिटीज, मोटापा और हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याओं का भी जोखिम बढ़ाता है।
यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के घरेलू उपाय
दिन में कम से कम 8–10 गिलास पानी पिएं ताकि यूरिक एसिड पेशाब के जरिए आसानी से बाहर निकल सके और किडनी पथरी से बचा जा सके।
नींबू में पाया जाने वाला सिट्रिक एसिड शरीर को अल्कलाइन बनाता है और यूरिक एसिड को घोलकर बाहर निकालने में मदद करता है। गर्म पानी में नींबू डालकर सुबह पीना फायदेमंद होता है।
चेरी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स सूजन को कम करते हैं और यूरिक एसिड के स्तर को संतुलित बनाए रखने में मदद करते हैं। रोज कुछ चेरी खाना फायदेमंद हो सकता है।
सेब का सिरका शरीर का pH लेवल संतुलित करता है और किडनी को डिटॉक्स करने में मदद करता है। एक गिलास पानी में एक चम्मच सिरका मिलाकर दिन में एक बार जरूर लें।
प्यूरिन से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे लाल मांस, ऑर्गन मीट (जैसे कलेजी), और समुद्री भोजन यूरिक एसिड को तेजी से बढ़ाते हैं। इनसे दूरी बनाए रखना जरूरी है। इसके बजाय साबुत अनाज, हरी सब्जियां और ताजे फल खाएं जो फाइबर से भरपूर होते हैं और शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में सहायक होते हैं।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।