देश भर में बारिश के मौसम शुरू हो चुका है। बारिश के मौसम में लोगों को गर्मी से तो राहत मिल जाती है, लेकिन ये अपने साथ कई बिमारीयां भी लेकर आती है। इस मौसम में डेंगू होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है। डेंगू फीवर एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से होता है, जो बारिश के मौसम में ही पनपते हैं। बरसात के मौसम में ये बिमारी तेजी से फेलती है। डेंगू में दर्द इतना अधिक होता है कि मरीज को लगता है जैसे उसकी हड्डियां टूट रही हों, इसी वजह से इसे ‘हड्डी तोड़ बुखार’ भी कहा जाता है।
ये दर्द इतना ज्यादा होता है कि व्यक्ति के ठीक होने के बाद भी शरीर में थोड़ा दर्द रहता ही है। जो धीरे-धीरे खत्म होता है। आइए जानते हैं डेंगू में क्यों होता है हड्डियों में दर्द और इससे बचने के लिए क्या करना चाहिए।
डेंगू के कई लक्षण होते है, डेंगू में मरीज को अचानक तेज फीवर आता है। इसके साथ ही सिर में दर्द और आंखों के पीछे भारीपन या दर्द महसूस होता है। इसे पहले 'हड्डी तोड़ बुखार' भी कहा जाता था, क्योंकि इसमें मांसपेशियों और शरीर के जोड़ों में तेज दर्द होता है। आमतौर पर बुखार 4-5 दिन तक रहता है और इसके बाद शरीर पर लाल रंग के छोटे-छोटे दाने उभर आते हैं। कई लोगों को थकान, उल्टी और बार-बार प्यास लगने की भी परेशानी होती है।
क्यों होता हो हड्डियों में दर्द
हमारे शरीर में डेंगू वायरस पहुंचने के बाद ये हमारी इम्यून सिस्टम को एक्टिव कर देता है।। इससे शरीर में सूजन की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। वायरस जब शरीर की सेल्स को इनफेक्ट करता है, तो उससे मुकाबला करने के लिए शरीर कुछ रिलीज करता है, जिन्हें साइटोकाइंस कहा जाता है। इसस हड्डियों, मांसपेशियों और जोड़ों के आसपास सूजन और जलन का कारण बनते हैं, जिससे शरीर में तेज दर्द महसूस होता है। डेंगू संक्रमण के दौरान प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से कम हो जाती है, जिससे शरीर में कमजोरी और मांसपेशियों में जकड़न महसूस होने लगती है। यही जकड़न कई बार गंभीर दर्द का रूप ले लेती है। कुछ मरीजों को इतना अधिक दर्द होता है कि उन्हें चलने-फिरने या हाथ-पैर हिलाने में भी कठिनाई होने लगती है।
डेंगू से ठीक होने के लिए शरीर को पूरा आराम देना बहुत जरूरी है, ताकि रिकवरी जल्दी हो सके। डेंगू के मरीज को खूब पानी, नारियल पानी, सूप और इलेक्ट्रोलाइट्स जैसे लिक्विड पदार्थ लेते रहना चाहिए, जिससे शरीर में पानी की कमी न होने पाए। जोड़ों के दर्द को कम करने के लिए गुनगुने पानी से सिकाई करना फायदेमंद होता है। दर्द या बुखार होने पर डॉक्टर की सलाह पर ही दवा खाए। कई पेन किलर आपके प्लेटलेट्स को घटा सकते हैं।