महिला दिवस सिर्फ उनके अधिकारों और सफलताओं का जश्न मनाने का दिन नहीं है, बल्कि उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने का भी एक बेहतरीन अवसर है। मानसिक स्वास्थ्य किसी भी महिला के जीवन का अहम हिस्सा होता है, क्योंकि इसका सीधा असर न सिर्फ उनके व्यक्तिगत जीवन पर पड़ता है, बल्कि उनके परिवार और समाज पर भी होता है। आज की तेज रफ्तार जिंदगी में महिलाएं घर और काम की जिम्मेदारियों के बीच खुद को भूल जाती हैं, जिससे वे तनाव, चिंता और अवसाद (डिप्रेशन) जैसी मानसिक समस्याओं का शिकार हो सकती हैं।