Year Ender 2024: इस साल निपाह-जीका और चांदीपुरा वायरस ने मचा दी खलबली, जानिए किन-किन बीमारियों का फैला आतंक

Year Ender 2024: साल 2024 खत्म होने वाला है। इस साल हेल्थ सेक्टर में कई तरह के बदलाव सामने आए। कोरोना वायरस के बाद कई वायरस आए जिससे पूरे देश में हड़कंप मच गया। जीका वायरस, निपाह वायरस, चांदीपुरा वायरस, डेगू जैसी कई बीमारियां रहीं। जिससे लोगों का जीना मुहाल हो गया। आइये जानते हैं इस साल किन-किन बीमारियों का आतंक रहा

अपडेटेड Dec 09, 2024 पर 11:00 AM
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Year Ender 2024: साल 2024 में दुनिया ने कई गंभीर बीमारियों का सामना किया। इन बीमारियों से लाखों लोगों की जिंदगी पर असर पड़ा।

साल 2024 बस अपने आखिरी पड़ाव में है। कुछ ही दिनों में सारी दुनिया 2025 का स्वागत करेगी। अब जब साल 2024 के आखिरी कुछ दिन बचे हैं। तब वक्त है इस साल की घटनाओं और स्वास्थ्य संकटों पर नजर डालने का। साल 2024 में दुनिया ने कई गंभीर बीमारियों का सामना किया। इन बीमारियों से लाखों लोगों की जिंदगी पर असर पड़ा। पूरे साल किन –किन बीमारियों ने कोहराम मचाया, आज हम इसी पर चर्चा कर रहे हैं। इसमें मंकीपॉक्स, जीका वायरस, निपाह वायरस, चांदीपुरा वायरस समेत कई बीमारियां हैं। जिन्हें सुनकर आज भी लोग सिहर जाते हैं।

ऐसा नहीं है कि इन वायरसों से छुट्टी हो गई है। अभी कई मरीज सामने आते रहते हैं। कोरोना वायरस के बाद ये कुछ ऐसे वायरस रहे, जिनका आमना-सामना बढ़ता जा रहा है।

जीका वायरस


जीका वायरस मच्छरों से फैलने वाली बीमारी है। जिस भी व्यक्ति को यह बीमारी होती है। उसे सबसे पहले तेज बुखार ता है। फिर शरीर और सिरदर्द होने लगता है। कुछ मामलों में जीका इंसान के नर्वस सिस्टम को भी नुकसान पहुंचाता है। शुरुआत में जीका वायरस के लक्षण हल्के हो सकते हैं। लेकिन जैसे-जैसे शरीर में वायरस बढ़ता है, इसके लक्षण गंभीर हो सकते हैं। इस वायरस से संक्रमित पहला मरीज भारत में जुलाई 2021 में केरल में सामने आया था। जीका वायरस का पहला मामला 1947 में युगांडा में सामने आया था। तब ये वायरस बंदरों में पाया गया था जो धीरे-धीरे इंसानों में फैला। 1952 में इसका पहला मामला इंसानों में पाया गया। इसके बाद अलग-अलग देशों में इसका प्रकोप देखने को मिला।

निपाह वायरस क्या है?

निपाह वायरस एक वायरल संक्रमण है और 'निपाह' नाम मलेशिया के एक गांव से आया है। जहां इसका पहला प्रकोप 1998-1999 में सामने आया था। इसे सबसे पहले पालतू सुअरों में देखा गया था। इसकी मृत्यु दर काफी अधिक है। यह एक जूनेटिक वायरस है जो मनुष्यों में गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है। यह मुख्य रूप से जानवरों से मनुष्यों में फैलता है और मानव से मानव में भी फैल सकता है। सूअरों के जरिए यह बीमारी इंसानों में फैल गई। साल 2001 में बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर लोग निपाह वायरस की चपेट में आए थे। भारत में पहला मरीज मई 2018 में केरल में सामने आया था।

चांदीपुरा वायरस

साल 1966 में महाराष्ट्र के नागपुर स्थित चांदीपुरा गांव में चांदीपुरा वायरस की पहचान हुई थी। इसके बाद इस वायरस को साल 2004-06 और 2019 में आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में रिपोर्ट किया गया था। चांदीपुरा वायरस एक RNA वायरस है। यह वायरस सबसे अधिक मादा फ्लेबोटोमाइन मक्खी से ही फैलता है। मच्छर में एडीज ही इसके पीछे ज्यादातर जिम्मेदार है। 15 साल से कम उम्र के बच्चे सबसे ज्यादा इसका शिकार होते हैं। उन्हीं में मृत्यु दर भी सबसे ज्यादा रहती है। चांदीपुरा के इलाज के लिए आज तक कोई एंटी वायरल दवा नहीं बनी है।

डेंगू

2024 में डेंगू बुखार ने एशिया, दक्षिण अमेरिका और अफ्रीका में बड़ी संख्या में लोगों को संक्रमित किया। एशियाई देशों में होने वाली बारिश के कारण डेंगू के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, 30 अप्रैल 2024 तक 7.6 मिलियन से अधिक डेंगू के मामले दर्ज किए गए थे। साल 2024 में डेंगू की वजह से 3000 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी।

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