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कोटा में स्टूडेंट्स की आत्महत्या के मामलों पर रोक के लिए समिति सौंपेगी रिपोर्ट, इन उपायों को लागू करने की दे सकती है सलाह

माना जा रहा है कि समिति कोचिंग इंस्टीट्यूट्स में दाखिले के लिए स्टूडेंट की न्यूनतम उम्र तय करने का सुझाव दे सकती है। वह बीच में कोचिंग में पढ़ाई छोड़ने वाले स्टूडेंट्स को फीस लौटाने की भी सिफारिश कर सकती है। साथ ही टीचर्स और हॉस्टल के मालिकों के लिए ट्रेनिंग मॉड्यूल शुरू करने भी सलाह दे सकती है

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 16, 2023 पर 4:22 PM
कोटा में स्टूडेंट्स की आत्महत्या के मामलों पर रोक के लिए समिति सौंपेगी रिपोर्ट, इन उपायों को लागू करने की दे सकती है सलाह
इस साल कोटा में आत्महत्या के मामलों में उछाल आया है। अब तक ऐसे 24 मामले सामने आ चुके हैं। पिछले साल यह संख्या 15 थी।

राजस्थान में एक उच्च-स्तरीय समिति कोटा में स्टूडेंट्स की आत्महत्या (Kota Student's Suicide) के मामलों को रोकने के उपाय बताएगी। कोटा में पिछले कुछ समय से ऐसे मामलों की संख्या काफी बढ़ी है। माना जा रहा है कि समिति कोचिंग इंस्टीट्यूट्स में दाखिले के लिए स्टूडेंट की न्यूनतम उम्र तय करने का सुझाव दे सकती है। वह बीच में कोचिंग में पढ़ाई छोड़ने वाले स्टूडेंट्स को फीस लौटाने की भी सिफारिश कर सकती है। साथ ही टीचर्स और हॉस्टल के मालिकों के लिए ट्रेनिंग मॉड्यूल शुरू करने भी सलाह दे सकती है। कोचिंग इंस्टीट्यूट में सातवीं क्लास से कम के बच्चों के दाखिले पर रोक लगाने के भी उपाय समिति पेश कर सकती है। एक अखबार ने इस बारे में खबर दी है।

तनाव और दबाव आत्महत्या की मुख्य वजहें

कोटा में स्टूडेंट्स की आत्महत्या करने की मुख्य वजह तनाव और दबाव माना गया है। स्टूडेंट्स प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं। इस दौरान उन्हें काफी दबाव और तनाव का सामना करना पड़ता है। 15 सदस्यीय इस समिति की अगुवाई हायर एजुकेशन सेक्रेटरी भवानी देथा कर रहे हैं। पिछले कुछ महीनों में आत्महत्या के मामले बढ़ने पर राजस्थान सरकार ने यह समिति बनाई थी। इस समिति में कोटा के जिला कलेक्टर और एएसपी भी शामिल हैं। यह समिति कोचिंग इंस्टीट्यूट के मालिक, हॉस्टल अथॉरिटीज, मनोवैज्ञानिक और पुलिस अधिकारियों सहित कई लोगों की राय ले रही है।

अगले हफ्ते समिति सौंपेगी रिपोर्ट

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