तृणमूल कांग्रेस (TMC) की सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) अब पहली बार अदाणी ग्रुप के निशाने पर आ गई हैं। भाजपा सांसद ने महुआ पर जो आरोप लगाए हैं, उसे लेकर अदाणी ग्रुप (Adani Group) ने पहली बार सीधे महुआ मोइत्रा पर निशाना साधा है। अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर अदाणी ग्रुप के खिलाफ सबसे अधिक मुखर लोगों में से एक महुआ मोइत्रा रही हैं। अब अदाणी ग्रुप का कहना है कि इसके नाम और बाजार में प्रतिष्ठा को खराब करने के लिए कुछ लोग और ग्रुप ओवरटाइम काम कर रहे हैं। अब अगर महुआ मोइत्रा पर आरोपों बात करें तो बीजेपी सांसद निशिकांत दूबे (Nishikant Dubey) ने रविवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस सांसद ने "एक व्यापारिक समूह के हितों की रक्षा" के लिए संसद में सवाल उठाने के लिए रिश्वत ली।
निशिकांत का दावा है कि वकील जय अनंत देहद्राई (Jai Anant Dehadrai) के पास महुआ मोइत्रा और दर्शन हीरानंदानी के बीच रिश्वत के लेन-देन के पक्के सबूत हैं। अदाणी ग्रुप ने अपने बयान में निशिकांत दूबे का नाम लिए बिना उनके दावे के आधार पर कहा कि जय अनंत ने महुआ मोइत्रा और हीरानंदानी ग्रुप के सीईओ दर्शन हीरानंदानी के खिलाफ सीबीआई के पास शिकायत दर्ज की है। जय अनंत ने आपराधिक साजिश रचने का आरोप लगाते हुए एक एफिडेविट दाखिल किया है। अदाणी ग्रुप का कहना है कि इसमें संसद में उठाए गए सवालों के जरिए गौतम अदाणी और उनके ग्रुप की कंपनियों को खासतौर से निशाना बनाने की बात कही गई है। अदाणी ग्रुप का कहना है कि इसके बदले में मोइत्रा को हीरानंदानी से रिश्वत और अनुचित लाभ मिले। वहीं हीरानंदानी ग्रुप ने सभी आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि यह हमेशा बिजनेस के बिजनेस में रहा, पॉलिटिक्स के बिजनेस में नहीं।
Mahua Moitra का क्या कहना है?
पालतू कुत्ते की कस्टडी को लेकर महुआ मोइत्रा और जय अनंत के बीच कड़वाहट चल रही है। महुआ ने पिछले छह महीने में जय अनंत पर आपराधिक अतिक्रमण, चोरी, अश्लील संदेश और दुर्व्यवहार के लिए पुलिस के पास शिकायतें दर्ज की हैं। अब हालिया मामले को लेकर महुआ का कहना है कि सांसदों के सभी संसदीय कार्य पीए, असिस्टेंट, इंटर्न्स और बड़ी टीमें करती हैं। उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्सएंड इनफॉर्मेशन मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव से सभी सांसदों के कॉल डेटा रिकॉर्ड के लोकेशन और लॉन-इन क्रेडिशनल्स की डिटेल्स को जारी करने का अनुरोध किया है। महुआ ने अश्विनी वैष्णव को एक पत्र भेजकर आग्रह किया कि इन आरोपों को अत्यंत गंभीर रूप से लिया जाए और जहां-जहां भी लॉन-इन किया गया, आईपी एड्रेस के साथ वहां की लोकेशन चेक कर देखा जाए कि क्या ऐसा भी कोई लोकेशन था, जहां लॉग-इन करते समय वह खुद उपस्थित नहीं थीं?
इसके अलावा उन्होंने स्टाफ को जो लॉन इन करने के लिए जो ट्रेनिंग दी गई है, उसकी भी जानकारी जारी करने को कहा है। महुआ ने निशिकांत दूबे के आरोपों को झूठा कहा है और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से अनुरोध किया है कि पहले वह निशिकांत दूबे के झूठे हलफनामे के खिलाफ जांच पूरी करें और फिर उनके लिए जांच कमेटी बनाएं। महुआ मोइत्रा ने ये भी कहा कि सीबीआई जांच का वह स्वागत करेंगी लेकिन पहले यह अदाणी ग्रुप के इनवॉइसिंग और बेनामी खातों को लेकर विदेशी फंड की जांच पूरी कर ले।
लॉग-इन क्रेडिशनल्स का क्या है मामला?
निशिकांत दूबे का कहना है कि आरोपों के मुताबिक महुआ मोइत्रा ने अपने लोकसभा क्रेडिशन्स को बाहरी संस्था के साथ साझा किया जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सीधा खतरा है। आरोपों के मुताबिक दर्शन हीरानंदानी और हीरानंदानी ग्रुप को अपनी लॉग इन डिटेल्स दी ताकि वे इसे अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर सकें। इसे लेकर निशिकांत का कहना है कि महुआ के खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों में यह सबसे गंभीर और खतरनाक है।
उन्होंने कहा कि अगर ये आरोप सही पाए जाते हैं तो यह विश्वास का एक गंभीर आपराधिक उल्लंघन है और साथ ही भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा का भी उल्लंघन है क्योंकि यह अनाधिकृत व्यक्तियों को उन सरकारी वेबसाइटों तक पहुंच प्रदान करेगा जिनमें गुप्त जानकारियां हो सकती है। इसे लेकर निशिकांत और महुआ केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव से आग्रह कर रहे हैं कि यह चेक करें कि क्या महुआ मोइत्रा के लोकसभा अकाउंट से ऐसे किसी जगह से लॉग इन किया गया, जहां वह मौजूद नहीं थीं।