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अमृतपाल सिंह: नशा मुक्ति के नाम पर युवाओं को देता था बंदूक चलाने की ट्रेनिंग, पूर्व सैनिकों की मदद से तैयार कर रहा था गिरोह

पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के इशारे पर उसकी मूवमेंट और प्लानिंग को अंजाम देने की संभावना जताते हुए, उन्होंने कहा कि अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) ने दुबई से लौटने पर, पंजाब का अमृतसर जिला में अपने गांव जल्लूपुर खेड़ा में एक नशा मुक्ति केंद्र शुरू किया। अधिकारियों ने बताया कि एक साथ चलाए गए अभियान में उसने अपने आदमियों के साथ ऐसे पूर्व सैनिकों की तलाश शुरू कर दी, जो अपने बुरे बर्ताव के कारण सेना से रिटायर हो चुके थे

MoneyControl Newsअपडेटेड Mar 23, 2023 पर 8:47 PM
अमृतपाल सिंह: नशा मुक्ति के नाम पर युवाओं को देता था बंदूक चलाने की ट्रेनिंग, पूर्व सैनिकों की मदद से तैयार कर रहा था गिरोह
अमृतपाल सिंह: नशा मुक्ति के नाम पर युवाओं देता था बंदूक चलाने की ट्रेनिंग

भगोड़ा कट्टरपंथी सिख उपदेशक और खालिस्तान (Khalistan) समर्थक अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) नशा करने वाले और पूर्व सैनिकों को टारगेट कर रहा था। चंडीगढ़ में गुरुवार को पुलिस अधिकारियों ने ये जानकारी देते हुए बताया कि ऐसा करने के पीछे उसका मकसद ये था कि वो इन लोगों को साथ मिलाकर एक ऐसा गिरोह बनाना चाहता था, जिसे आगे चल कर आसानी से एक आतंकवादी संगठन (Terrorist outfit) में बदला जा सके।

पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के इशारे पर उसकी मूवमेंट और प्लानिंग को अंजाम देने की संभावना जताते हुए, उन्होंने कहा कि अमृतपाल सिंह ने दुबई से लौटने पर, पंजाब का अमृतसर जिला में अपने गांव जल्लूपुर खेड़ा में एक नशा मुक्ति केंद्र शुरू किया।

न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, अधिकारियों ने बताया कि एक साथ चलाए गए अभियान में उसने अपने आदमियों के साथ ऐसे पूर्व सैनिकों की तलाश शुरू कर दी, जो अपने बुरे बर्ताव के कारण सेना से रिटायर हो चुके थे, ताकि उनका इस्तेमाल हथियार चलाने की ट्रेनिंग देने के लिए किया जा सके।

पिछले साल उसकी वापसी के तुरंत बाद और अभिनेता-कार्यकर्ता दीप सिद्धू की मौत के बाद उसने 'वारिस पंजाब दे' संगठन को संभाला। अमृतपाल सिंह के पास दो प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड का कवर था, और इस साल की शुरुआत में, ये संख्या बढ़ 16 हो गई थी।

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