Asad Ahmed Encounter: जानें, कैसे STF ने 50 दिनों तक पीछा करने के बाद असद को 'मिट्टी में मिला दिया'
उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स (UP STF) की टीम ने गुरुवार को झांसी में माफिया के बेटे असद और उसके एक साथी शूटर गुलाम को एनकाउंटर में मार गिराया। विशेष पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया कि प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड में वांछित पांच-पांच लाख रूपये के इनामी असद और गुलाम की एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में मौत हो गई
Asad Ahmed Encounter: प्रयागराज में 24 फरवरी को उमेश पाल को दिनदहाड़े गोली मारने के तुरंत बाद असद फरार हो गया था
Asad Ahmed Encounter: उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने गैंगस्टर से राजनेता बने अतीक अहमद (Atiq Ahmed) के गैंग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का वादा करते हुए कहा था कि उनकी सरकार माफिया को 'मिट्टी में मिला देगी'। आखिरकार उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स (UP STF) की टीम ने गुरुवार को झांसी में माफिया के बेटे असद और उसके एक साथी शूटर गुलाम को एनकाउंटर में मार गिराया। विशेष पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया कि प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड में वांछित पांच-पांच लाख रूपये के इनामी असद और गुलाम की एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में मौत हो गई। पुलिस के अनुसार, ये एनकाउंटर दो डिप्टी एसपी नवेंदु और विमल के नेतृत्व में किए गए।
प्रशांत कुमार ने बताया कि यूपी एसटीएफ की टीम में डिप्टी सीएसपी नवेंदु और विमल शामिल थे। उन्होंने बताया कि एनकाउंटर में मारे गए आरोपियों के पास से अत्याधुनिक विदेशी हथियार बरामद किए गए हैं। मारे गए अपराधियों के बारे में पुलिस का दावा है कि दोनों उमेश पाल की हत्या में शामिल मुख्य शूटर्स थे। सीसीटीवी फुटेज में ये दोनों गोली चलाते हुए दिख रहे थे।
कुमार ने आगे कहा, "आज 12:30 से 1 बजे के बीच में एक सूचना के आधार पर कुछ लोगों को रोका गया तो दोनों तरफ से गोलियां चलीं। इस एनकाउंट में 24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या करने वाले दो लोग घायल हुए और बाद में इनकी मृ्त्यु हो गई। इनकी पहचान असद अहमद और गुलाम के रूप में हुई। अभियुक्तों के पास से अत्याधुनिक विदेशी हथियार, बुलडॉग आदि बरामद हुए हैं।"
सीएम योगी ने की यूपी STF की तारीफ
बता दें कि साल 2005 में बहुजन समाज पार्टी (BSP) के विधायक राजू पाल की हत्या के मामले में प्रमुख गवाह रहे उमेश पाल और उसके दो सुरक्षा गार्ड की इस साल 24 फरवरी को प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में उसके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
उमेश पाल की पत्नी जया पाल द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर 25 फरवरी को अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, असद सहित दो बेटों, शूटर गुड्डू मुस्लिम और गुलाम तथा 9 अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
असद और गुलाम के एनकाउंटर की सीएम आदित्यनाथ ने तारीफ की है। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सीएम योगी आदित्यनाथ ने कानून-व्यवस्था को लेकर एक अहम बैठक की। साथ ही उन्होंने यूपी एसटीएफ, डीजीपी, स्पेशल डीजी लॉ एंड ऑर्डर और पूरी टीम की तारीफ की।
करीब 50 दिनों बाद गिरफ्तार में आया असद
उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा 50 दिनों तक लगातार ट्रैकिंग करने के बाद आखिरकार असद गिरफ्तार में आया। सूत्रों ने News18 को बताया कि असद की तलाश में यूपी स्पेशल टास्क फोर्स (STF) की कई टीमें कई राज्यों और यहां तक कि नेपाल तक गईं। प्रयागराज में 24 फरवरी को उमेश पाल को दिनदहाड़े गोली मारने के तुरंत बाद असद फरार हो गया था। वह इलेक्ट्रॉनिक निगरानी से बचने के लिए मोबाइल फोन का उपयोग नहीं कर रहा था। हालांकि, गुरुवार को झांसी में मोटरसाइकिल पर असद और उसके प्रमुख सहयोगी गुलाम को देखने के बाद यूपी एसटीएफ दोनों का पीछा किया और फिर मुठभेड़ हुई।
यूपी पुलिस ने इससे पहले उमेश पाल मामले में दो अन्य शूटरों को मार गिराया था। यूपी एसटीएफ के प्रमुख अमिताभ यश ने News18 को बताया, “हम पहले दिन से ही उसके (असद) पीछे थे। हमने उसे आज झांसी में ट्रैक किया। वे देश से भागे नहीं थे। उसके पास से विदेशी हथियार बरामद हुए हैं। वे सूचना के सुरक्षित साधनों का उपयोग कर रहे थे।”
उमेश पाल के मारे जाने तक युवा असद अहमद के खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं था। लेकिन वह उमेश पाल को मारने वाले आधा दर्जन शूटरों का नेतृत्व करने के बाद उत्तर प्रदेश का 'मोस्ट वांटेड' अपराधी बन गया। उसके सिर पर 5 लाख रुपये का इनाम रखा गया था।
असद गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद का तीसरा बेटा था। कहा जाता है कि उसने पिछले अगस्त में अपने पिता के खूंखार गैंग की बागडोर संभाली थी, जब उसके दो बड़े भाइयों ने अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था।
यूपी पुलिस के सूत्रों ने News18 को बताया कि असद लखनऊ से काम करता था, जहां से उसने एक टॉप स्कूल से 12वीं कक्षा पास की थी। लेकिन आगे की पढ़ाई के लिए विदेश नहीं जा सका क्योंकि उसके परिवार के आपराधिक इतिहास के कारण उसका पासपोर्ट क्लियर नहीं हुआ था। सीसीटीवी में कैद होने से पहले वह पुलिस के रडार पर नहीं था।
पुलिस को संदेह है कि असद ने उमेश पाल की हत्या की योजना बनाने के लिए जेल से अतीक और अशरफ से निर्देश लिए थे, जिसके साथ उसके परिवार की लंबे समय से दुश्मनी थी।