BharatPe बोर्ड और अशनीर ग्रोवर की लड़ाई में ग्रोवर के इस्तीफा देने के बाद भी मामला ठंडा पड़ता नजर नहीं आ रहा है। अशनीर ग्रोवर के इस्तीफा देने के बाद अब वह BharatPe के फाउंडर नहीं कहलाएंगे। कंपनी का आरोप है कि अशनीर ग्रोवर और उनके परिवार ने फंड का गलत इस्तेमाल किया है। कंपनी के बोर्ड ने 2 मार्च को यह बयान जारी करके बताया है।
BharatPe की तरफ से जारी लेटर में कहा गया है कि अशनीर ग्रोवर के गलत कामों की वजह से अब वह BharatPe के कर्मचारी, फाउंडर या कंपनी के डायरेक्टर नहीं हैं। कंपनी ने यह भी कहा कि अशनीर ग्रोवर के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ने की तैयारी है।
हालांकि कंपनी ने ये नहीं बताया कि अशनीर ग्रोवर के खिलाफ क्या एक्शन ले सकती है। लेकिन इस मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया, अशनीर ग्रोवर को जो 1.4 रिस्ट्रिक्टेड शेयर आवंटिक किए गए थे वो अब उन्हें वापस नहीं मिल पाएंगे।
क्या होते हैं रिस्ट्रिक्टेड शेयर?
रिस्ट्रिक्टेड शेयर के लिए एक वेस्टिंग शेड्यूल होता है। इसका मतलब है कि इन्हें तय वक्त पर ही नॉर्मल शेयर की तरह इंप्लॉयी को ट्रांसफर किया जाता है। इन शेयरों को एग्जिक्यूटिव एक निश्चित समय के बाद ही बेच सकता है। इन्हें तय वक्त से पहले ट्रांसफर भी नहीं किया जा सकता। इसके लिए कई तरह की शर्ते लागू होती हैं। ग्रोवर को मार्च से सितंबर के बीच जारी किए गए शेयर अभी वेस्टेड नहीं हैं। रिस्ट्रिक्टड शेयर को नॉर्मल शेयर में तभी कनवर्ट किया जाता है जब एग्जिक्यूटिव ने कंपनी में एक निश्चित समय तक नौकरी पूरी कर ली हो।
अशनीर ग्रोवर ने 2018 में भारतपे की शुरुआत की थी। बहुत कम समय में भारतपे बड़ी फिनटेक कंपनी बन गई। कुछ महीने पहले कोटक सिक्योरिटी के एक कर्मचारी के साथ ग्रोवर की बातचीत का ऑडियो क्लिप सामने आने के बाद विवाद शुरू हुआ। इस ऑडियो क्लिप में ग्रोवर कोटक सिक्योरिटी के कर्मचारी को धमकी देते दिख रहे हैं।