Prayagraj: करेली विधानसभा की डेमोग्राफी बदलने की कोशिश में था अतीक अहमद, मुस्लिमों को बसाने की थी प्लानिंग

STF के एडीजी अमिताभ यश ने बताया कि अतीक और उसके गैंग ने अपने दबदबे को कायम रखने के लिए ऐसी रणनीति बनाई थी, जो कोई अन्य गैंग सोच भी नहीं सकता। उन्होंने बताया कि राजनीतिक फायदा और चुनावी लाभ के लिए करेली के एक बड़े इलाके मे अल्पसंख्यक समुदाय की कालोनी बसाई जा रही थी। इसके लिए एक बड़े जमीन पर अतीक अहमद और उसके गुर्गों ने कब्जा किया था

अपडेटेड Apr 19, 2023 पर 1:26 PM
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अतीक करेली इलाके की डेमोग्राफी बदलने के प्लान पर काम कर रहा था

पिछले हफ्ते कैमरे के सामने मारा गया खूंखार गैंगस्टर अतीक अहमद (Atiq Ahmed) प्रयागराज के करेली विधानसभा क्षेत्र (Prayagraj Kareli constituency) की डेमोग्राफी को बदलना चाहता था। प्रयागराज में 15 अप्रैल 2023 को मार गए माफिया को लेकर उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स के एक शीर्ष अधिकारी ने यह चौंकाने वाला खुलासा किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, अतीक करेली इलाके की डेमोग्राफी बदलने के प्लान पर काम कर रहा था। इसके लिए वह प्रयागराज के कमजोर लोगों की जमीन पर कब्जा कर मुस्लिम बस्तियां बसाने की तैयारी में लगा हुआ था। STF के एक शीर्ष अधिकारी ने News18 को बताया कि इस क्षेत्र में मुस्लिम कॉलोनियां बसाई जा रही थी।

News18 से एक्सक्लूसिव बातचीत में STF के एडीजी अमिताभ यश ने बताया कि अतीक और उसके गैंग ने अपने दबदबे को कायम रखने के लिए ऐसी रणनीति बनाई थी, जो कोई अन्य गैंग सोच भी नहीं सकता। उन्होंने बताया कि राजनीतिक फायदा और चुनावी लाभ के लिए करेली के एक बड़े इलाके मे अल्पसंख्यक समुदाय की कालोनी बसाई जा रही थी। इसके लिए एक बड़े जमीन पर अतीक अहमद और उसके गुर्गों ने कब्जा किया था।

अधिकारी ने बताया कि मुस्लिम कॉलोनी बसाने की साजिश के पीछे अतीक अहमद द्वारा अपनी सुरक्षा घेरे को मजबूत करने की भी सोच थी। अतीक की गैंग से जुड़े लोग और उसके शूटर भी इसी अल्पसंख्यक समुदाय की टाउनशिप में बसने वाले थे। अमिताभ यश ने बताया कि अतीक गैंग द्वारा मुस्लिम कॉलोनी के नाम पर रची गई राजनैतिक घुसपैठ की साजिश को STF ने नाकाम कर दिया है।


बता दें कि अतीक और उसके भाई अशरफ को 15 अप्रैल की रात को पत्रकार बनकर आए तीन शूटरों ने उस वक्त नजदीक से गोली मार दी थी, जब वे मेडिकल जांच के लिए प्रयागराज के एक मेडिकल कॉलेज में पुलिसकर्मियों द्वारा ले जाए जाते समय पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे। दोनों भाइयों की हत्या से पहले अतीक के बेटे असद के शव को दफनाया गया था। असद और उसके एक साथी की 13 अप्रैल को झांसी में पुलिस एनकाउंटर में मौत हो गई थी।

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पूरे देश में इस बात की चर्चा तेज है कि आखिर अतीक-अशरफ की हत्या करने वाले तीनों शूटरों का गॉडफादर कौन है? क्योंकि छोटे-छोटे मामलों में आरोपी इन तीनों अपराधियों के पास तुर्की निर्मित पिस्तौल कैसे पहुंच गई, जिसकी कीमत लगभग 6 लाख रुपये है। हत्याकांड को अंजाम देने वाले हमलावरों की आर्थिक स्थिति इतनी खराब है कि वह ऐसी विदेशी पिस्तौल खरीद सके। अब बड़ा सवाल यह है कि उन्हें यह पिस्तौल किसने मुहैया कराया?

Akhilesh

Akhilesh

First Published: Apr 19, 2023 1:21 PM

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