Atul Subhash's Death Case: बेंगलुरु के AI इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या के मामले में चल रही बहस के बीच सुप्रीम कोर्ट ने गुजारा भत्ता राशि तय करने के लिए आठ सूत्रीय फॉर्मूला तय किया है। अतुल सुभाष ने अपनी पत्नी और ससुराल वालों से पैसे के लिए परेशान होकर आत्महत्या कर ली थी। बिहार के रहने वाले अतुल सुभाष ने आत्महत्या करने से पहले 80 मिनट का एक वीडियो रिकॉर्ड किया था, जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी निकिता सिंघानिया और उसके परिवार पर जबरन वसूली एवं उत्पीड़न का आरोप लगाया था। उन्होंने भारतीय न्याय प्रणाली की आलोचना करते हुए 24 पन्नों का एक सुसाइड नोट भी लिखा था।
लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस प्रसन्ना बी वराले की एक शीर्ष अदालत की पीठ ने हिंदू कपल से जुड़े तलाक के मामले में अंतिम गुजारा भत्ता राशि तय करने के लिए दिशा-निर्देश तय किए। अपीलकर्ता (पति) और प्रतिवादी (पत्नी) छह साल तक विवाहित रहे और करीब दो दशक तक अलग-अलग रहे।
पति ने दावा किया कि पत्नी बहुत संवेदनशील है और उसके परिवार से दूर रहती है। जबकि पत्नी ने पति पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया। अब सुप्रीम कोर्ट ने गुजारा भत्ता राशि तय करने के लिए देश भर की सभी अदालतों को सलाह दी है। शीर्ष अदालत ने कुल 8 कारकों को ध्यान में रखने को कहा है। सभी अदालतें गुजारा भत्ता तय करते समय इन 8 बातों का ध्यान रखें।
गुजारा भत्ता तय करते समय सुप्रीम कोर्ट द्वारा विचार किए जाने वाले आठ फैक्टर इस प्रकार है:-
- पक्षों (पति और पत्नी) की सामाजिक और वित्तीय स्थिति।
- पत्नी और उसके पास रहने वाले बच्चों की बुनियादी जरूरतें।
- पक्षों की व्यक्तिगत योग्यताएं और रोजगार की स्थिति।
- आवेदक के स्वामित्व वाली स्वतंत्र आय या संपत्ति की डिटेल्स।
- वैवाहिक यानी ससुराल वाले घर में पत्नी का जीवन स्तर क्या है।
- क्या पत्नी ने पारिवारिक जिम्मेदारियों के लिए रोजगार या नौकरी छोड़ दी है?
- गैर-कामकाजी पत्नी के लिए उचित मुकदमेबाजी की लागत।
- पति की वित्तीय क्षमता, उसकी आय, भरण-पोषण के दायित्व और देनदारियों का डिटेल्स।
शीर्ष अदालत ने सभी अन्य निचली अदालतों को स्थायी गुजारा भत्ता राशि तय करने के लिए दिशा-निर्देशों का पालन करने की सलाह दी है। लेकिन साथ ही कहा कि उपरोक्त कारक "कोई सख्त नियम नहीं बनाते, बल्कि स्थायी गुजारा भत्ता तय करते समय दिशा-निर्देश के रूप में काम करेंगे।" अदालत ने कहा कि स्थायी गुजारा भत्ता राशि इस तरह से तय की जानी चाहिए कि पति को दंडित न किया जाए। साथ ही पत्नी के लिए एक सभ्य जीवन स्तर सुनिश्चित हो सके।
बिहार के समस्तीपुर जिले के रहने वाले 34 वर्षीय अतुल सुभाष ने 9 दिसंबर को अपने बेंगलुरु अपार्टमेंट में आत्महत्या कर ली। उन्होंने 24 पन्नों का एक नोट छोड़ा, जिसमें उन्होंने अपनी अलग रह रही पत्नी और उसके परिवार पर उत्पीड़न का आरोप लगाया। सोशल मीडिया यूजर्स मृतक व्यक्ति के समर्थन में सामने आए और उसके लिए न्याय की मांग की। अतुल के भाई विकास कुमार की शिकायत के आधार पर मराठाहल्ली पुलिस स्टेशन में अतुल की पत्नी निकिता सिंघानिया सहित चार लोगों के खिलाफ धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और 3(5) के तहत मामला दर्ज किया गया है।