'अविमुक्तेश्वरानंद एक फर्जी बाबा है' ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य पर गोविंदानंद सरस्वती महाराज ने लगाए 'हत्या और अपहरण' के आरोप

गोविंदानंद सरस्वती जी महाराज ने इस दौरान कुछ कागजात भी दिखाई और दावा किया ये वाराणसी कोर्ट का आदेश है। उन्होंने कहा, अविमुक्तेश्वरानंद के खिलाफ गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था, उन्हें भगोड़ा घोषित किया गया था। हम यह सब बताना चाहते हैं सुप्रीम कोर्ट में, लेकिन वे अगली तारीखें देते रहते हैं और हम न्याय चाहते हैं

अपडेटेड Jul 21, 2024 पर 6:24 PM
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ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य पर गोविंदानंद सरस्वती महाराज ने लगाए हत्या और अपहरण के आरोप

स्वामी श्री गोविंदानंद सरस्वती महाराज ने ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद पर काफी गंभीर आरोप लगाए हैं और उन पर तीखा हमला बोला है। गोविंदानंद सरस्वती महाराज ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को 'फर्जी बाबा' तक कह डाला। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा, "मुक्तेश्वरानंद साधु या संत कहलाने लायक भी नहीं, शंकराचार्य तो बहुत दूर की बात है।

गोविंदानंद सरस्वती महाराज ने कहा, "मुक्तेश्वरानंद नाम का एक फर्जी बाबा इन दिनों काफी लोकप्रिय हो रहा है। पीएम मोदी ने उसके पैर छुए हैं और अनिल अंबानी जैसे बड़े बिजनेसमैन ने उसका अपने घर पर स्वागत किया है। टीवी पर कुछ लोग उन्हें 'शंकराचार्य' का टैग दे रहे हैं। मैं देश के सभी नागरिकों को ये संदेश देना चाहता हूं कि मुक्तेश्वरानंद एक नंबर के फर्जी व्यक्ति हैं, वो अपने नाम के साथ साधु, संत या संन्यासी जोड़ने के लायक भी नहीं हैं, इसलिए शंकराचार्य के बारे में तो भूल जाइए।"


गोविंदानंद सरस्वती जी महाराज ने इस दौरान कुछ कागजात भी दिखाई और दावा किया ये वाराणसी कोर्ट का आदेश है। उन्होंने कहा, अविमुक्तेश्वरानंद के खिलाफ गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था, उन्हें भगोड़ा घोषित किया गया था। हम यह सब बताना चाहते हैं सुप्रीम कोर्ट में, लेकिन वे अगली तारीखें देते रहते हैं और हम न्याय चाहते हैं।

अविमुक्तेश्वरानंद पर हत्या और अपहरण का आरोप

उन्होंने आगे कहा, "वह देश को नुकसान पहुंचा रहे हैं। हम देश की खातिर इन सभी दस्तावेजों को आगे रख रहे हैं... अविमुक्तेश्वरानंद लोगों की हत्या कर रहे हैं और उनका अपहरण कर रहे हैं। भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के खिलाफ सवाल उठाते हैं। 'संन्यासी' बनकर शादियों में शामिल हो रहे हैं, वो कह रहे हैं कि केदारनाथ में 228 किलो सोना गायब है, क्या उन्हें सोने और पीतल के बीच का अंतर भी पता है?"

गोविंदानंद महाराज ने आरोप लगाया कि अविमुक्तेश्वरानंद को कांग्रेस का समर्थन मिला है। उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी वाड्रा ने 13 सितंबर 2022 को एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्हें श्रद्धेय शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद कहकर संबोधित किया गया था।

अविमुक्तेश्वरानंद कांग्रेस का एक खिलौना: गोविंदानंद महाराज

उन्होंने पूछा, "कांग्रेस ने एक पत्र जारी किया और अविमुक्तेश्वरानंद सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए...जब सुप्रीम कोर्ट ने स्टे जारी कर दिया था, तो प्रियंका गांधी वाड्रा ने अविमुक्तेश्वरानंद को शंकराचार्य कहकर एक पत्र कैसे लिखा?"

उन्होंन आगे कहा, "क्या कांग्रेस तय करेगी कि शंकराचार्य कौन हैं? वह नरेंद्र मोदी के खिलाफ खड़े हैं और उनका समर्थन कौन कर रहा है? प्रियंका गांधी वाड्रा। अविमुक्तेश्वरानंद हिंदू विरोधी टिप्पणी करने पर राहुल गांधी के साथ खड़े होंगे। क्यों? ये पत्र उसका कारण है। कांग्रेस एक खेल खेल रही है और अविमुक्तेश्वरानंद उनका खिलौना हैं। मैं प्रियंका गांधी वाड्रा से पूछना चाहता हूं कि या तो उन्हें इस पत्र को लिखने के लिए सार्वजनिक माफी मांगनी चाहिए या हम उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अवमानना ​​​​दायर करेंगे।"

अविमुक्तेश्वरानंद के शंकराचार्य बनने का मामला पहुंचा SC

बता दें कि अक्टूबर 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड में ज्योतिष पीठ के नए शंकराचार्य के रूप में अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की ताजपोशी पर रोक लगा दी थी। यह आदेश तब पारित किया गया, जब सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि पुरी में गोवर्धन मठ के शंकराचार्य ने एक हलफनामा दायर किया था कि ज्योतिष पीठ के नए शंकराचार्य के रूप में अविमुक्तेश्वरानंद की नियुक्ति का समर्थन नहीं किया गया था।

शीर्ष अदालत एक आवेदन पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने दिवंगत शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती की ओर से ज्योतिष पीठ के उत्तराधिकारी शंकराचार्य के रूप में नियुक्त होने का झूठा दावा किया था।

राजनीतिक बयान देते आए हैं स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद

इस महीने की शुरुआत में, स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती मुंबई में अनंत अंबानी की शादी में शामिल हुए थे। इसके बाद वह शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे के घर मातोश्री भी गए थे।

शिवसेना प्रमुख से मुलाकात के बाद अविमुक्तेश्वरानंद ने कुछ राजनीतिक टिप्पणियां कीं, जिन्हें बीजेपी पर हमले के तौर पर देखा गया। उन्होंने सुझाव दिया कि उद्धव पीड़ित थे, क्योंकि उनकी पार्टी तोड़ दी गई।

उन्होंने कहा, "उद्धव ठाकरे को धोखा दिया गया है और कई लोग इससे परेशान हैं। जब तक वह दोबारा मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे, तब तक लोगों का दर्द कम नहीं होगा। विश्वासघात सबसे बड़ा पाप है। जो विश्वासघात करता है, वो हिंदू नहीं हो सकता। जो विश्वासघात सहता है वो हिंदू नहीं हो सकता।"

Shubham Sharma

Shubham Sharma

First Published: Jul 21, 2024 5:57 PM

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