Ram Mandir Pran Pratishtha Ceremony: रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 दिनों का अपना कठोर उपवास तोड़ दिया है। अयोध्या में भगवान राम की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद स्वामी गोविंद देव गिरी जी महाराज के हाथों से चरणामृत ग्रहण कर पीएम मोदी ने 11 दिनों का उपवास पूरा किया। प्रधानमंत्री मोदी ने 12 जनवरी को नासिक के काला राम मंदिर में 11 दिवसीय विशेष अनुष्ठान की शुरूआत की थी। उन्होंने नासिक धाम- पंचवटी से अनुष्ठान की शुरुआत की थी, जहां भगवान श्री राम ने महत्वपूर्ण समय बिताया था।
श्रीराम भक्तों का करीब 500 वर्षों का लंबा इंतजार सोमवार को खत्म हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इससे संबंधित अनुष्ठान में भाग लिया। सुनहरी रंग का कुर्ता, क्रीम रंग की धोती और उत्तरीय पहने प्रधानमंत्री मोदी नवनिर्मित राम मंदिर के मुख्य द्वार से अंदर तक पैदल चलकर कार्यक्रम स्थल पहुंचे और गर्भगृह में प्रवेश किया। प्रधानमंत्री इस दौरान अपने हाथ में लाल रंग के कपड़े में लिपटा हुआ चांदी का छत्र भी लेकर आए। गर्भगृह में पीएम मोदी ने पंडितों के मंत्रोच्चारण के बीच अनुष्ठान शुरू किया।
पीएम मोदी ने प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के लिए 'संकल्प' लिया। श्री राम जन्मभूमि मंदिर से राम लला की प्रतिमा की पहली झलक सम्मोहित करने वाला था। इस मौके पर पीएम मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ ने शीश झुकाकर रामलला का आशीर्वाद लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम लला की मूर्ति के सामने साष्टांग प्रणाम किया। अनुष्ठान में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत भी शामिल हुए। इस मौके पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे।
एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि मध्यान्ह में साढ़े बारह बजे (12-29) बजे रामलला के नवीन विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की गई। इस दौरान सेना के हेलीकॉप्टरों ने मंदिर परिसर पर पुष्प वर्षा की। प्रधानमंत्री मोदी ने X पर एक पोस्ट में कहा, "अयोध्या धाम में श्री रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का अलौकिक क्षण हर किसी को भाव-विभोर करने वाला है। इस दिव्य कार्यक्रम का हिस्सा बनना मेरा परम सौभाग्य है। जय सियाराम।"
पीएम मोदी समारोह के बाद एक सभा को भी संबोधित किया। उनका कुबेर टीला भी जाने का कार्यक्रम है। वह राम मंदिर के निर्माण कार्य से जुड़े श्रमिकों से भी बातचीत करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी अयोध्या में नवनिर्मित मंदिर में साधु संतों, यजमानों के मार्गदर्शन में रामलला की मूर्ति का प्राण प्रतिष्ठा संस्कार संपन्न किया।