बहाइच में भड़की हिंसा की आग अब उन लोगों को भी झुलसा रही है, जो अपनी पुस्तैनी जमीन पर सालों से घर बनाकर रह रहे है। लोक निर्माण विभाग ने 23 मकानों पर बुलडोजर चलाने की तैयारी कर ली है। मकान खाली करने के लिए नोटिस जारी हो चुका है। रविवार को नोटिस में दी गई मियाद भी पूरी हो गई। हालात यह हैं कि लोगों के दिलों में दहशक है कि न जाने बुलडोजर किस वक्त आकर गरजने लगे। इस डर से लोग जितनी जल्दी हो सके मकान से अपनी गृहस्थी समेटकर निकल जाना चाहते हैं, लेकिन दूसरी ओर प्रशासन की इस कार्रवाई से रोष भी बढ़ता जा रहा है।
लोगों का कहना है कि लोक निर्माण विभाग ने जिन 23 मकानों को अतिक्रमण बताकर ध्वस्तीकरण का नोटिस दिया है, वो उनके पुरखों की जमीन पर बना है। इतने सालों से लोक निर्माण विभाग की फाइल में, जो निर्माण वैध थे, वे अचानक दंगे के बाद अतिक्रमण में कैसे तब्दील हो गए?
बुलडोजर को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहा
लोगों का कहना है कि बुलडोजर की कार्रवाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने हाल में जो आदेश दिए उसका भी पालन नहीं किया जा रहा है। प्रशासन बुलडोजर को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहा है। लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड के अधिशाषी अभियंता प्रदीप कुमार का कहना है कि यह रास्ता प्रमुख जिला मार्ग 186E महराजगंज के किलोमीटर 38 में आता है। इस मार्ग के किनारे कस्बे के लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है।
उन्होंने बताया कि अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस दिया गया है। इसका दूसरे किसी विवाद से कोई लेना देना नहीं है। इसकी चेतावनी एक साल पहले ही दी जा चुकी थी। PWD विभाग ने सभी 23 चिन्हित मकान मालिकों से तीन दिन में जवाब मांगा था। उसमें मकान निर्माण का नक्शा और DM, SDM के आदेश की कॉपी शामिल है।
पुस्तैनी जमीन का दस्तावेज कहां से लाएंगे लोग?
अब सवाल उठता है कि लोग पुस्तैनी जमीन का दस्तावेज कहां से लाएंगे। ग्रामीण जमीन पर मकान का नक्शा पास कराने का प्रावधान नहीं है, ऐसे में नक्शे की कॉपी कैसे उपलब्ध करवा पाएंगे?
अब इस मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने रविवार को उन लोगों को बड़ी राहत दी, जिन्हें बहराइच में कुंडासर मासी नानपारा महाराजगंज मार्ग पर अवैध संरचनाओं को ध्वस्त करने के लिए नोटिस दिया गया था। उन्हें जवाब दाखिल करने के लिए 15 दोनों का वक्त बढ़ा दिया गया है, जिसमें 15 दिनों के भीतर नोटिस का जवाब दाखिल कर सकते हैं। अदालत में साथ ही राज्य के अधिकारियों को भी जवाब पर विचार और जवाब पर उचित आदेश देने का निर्देश दिया है।