बहराइच सांप्रदायिक हिंसा के मामले में UP पुलिस का बड़ा एक्शन सामने आया है। बहराइच के दो आरोपियों को पुलिस ने एनकाउंटर में गोली मार दी है। आरोपी नेपाल भागने की फिराक में थे। घटना नेपाल बॉर्डर के पास की है। दोनों आरोपियों की पहचान सरफराज उर्फ रिंकू और तालिब के रूप में हुई। यूपी स्पेशल टास्क फोर्स (STF) के प्रमुख अमिताभ यश के मुताबिक, पुलिस को इलाके में उनकी मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद बॉर्डर पर दोनों को गोली मार दी गई। पुलिस ने कहा कि दो लोगों को गोलियां लगने के तुरंत बाद गिरफ्तार कर लिया गया। अब तक इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
बहराइच हत्याकांड मामले में पुलिस को ये पहली बड़ी सफलता मिली है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों नेपाल भागने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन नाथपारा के पास स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने उन्हें घेर लिया।
बहराइच में क्यों फैली सांप्रदायिक हिंसा?
हमारे सहयोगी News18 के मुताबिक, सरफराज के शव को अस्पताल ले जाया जा रहा है। वहीं से आधिकारिक तौर मौत की पुष्टि की जाएगी। पुलिस ने बहराइच गोलीकांड के पहले नामजद आरोपी राजा उर्फ जहीर खान को कल गिरफ्तार किया था।
दरअसल 13 अक्टूबर को दुर्गा पूजा विसर्जन जुलूस के दौरान एक दूसरे समुदाय के पूजा स्थल के बाहर कथित तौर पर तेज आवाज में गाने बजाने को लेकर बहराइच के महाराजगंज में हिंसा भड़क गई थे, जिसमें 22 साल के राम गोपाल मिश्रा की गोली लगने से मौत हो गई।
किस गाने को लेकर बढ़ा था तनाव?
इस घटना के बाद इलाके में तोड़फोड़ और आगजनी हुई और भीड़ ने घरों, दुकानों, शोरूमों, अस्पतालों और कई गाड़ियों को आग लगा दी, जिसके बाद पुलिस को अज्ञात दंगाइयों और कुछ नामजद आरोपियों के खिलाफ कई FIR दर्ज करनी पड़ीं।
इस शहर में मिक्स आबादी रहती है। भारी सुरक्षा तैनात करने के अलावा पुलिस ने अब तक 55 संदिग्धों को हिरासत में लिया है। बताया जाता है कि यात्रा के दौरान "चाहे जितना जोर लगा लो, आएंगे फिर योगी जी" गाना बजाने को लेकर तनाव बढ़ गया था।