ओडिशा सरकार ने कहा है कि बालासोर ट्रेन दुर्घटना में मारे गए लोगों के परिजनों को मृत्य प्रमाणपत्र या डेथ सर्टिफिकेट (Death Certificate) के लिए कोई डॉक्यूमेंट्स देने की जरूरत नहीं होगी। सरकार ने वह सभी मृतकों के परिजनों को डॉक्यूमेंट्स के बिना भी डेथ सर्टिफिकेट मुहैया कराएगी। इसके अलावा ओडिशा सरकार ने ट्रेन दुर्घटना में मारे गए लोगों के शवों को अलग-अलग राज्यों में ले जाने पर आने वाले खर्च को भी खुद उठाने का फैसला किया है। ओडिशा के चीफ सेक्रेटरी पी के जेना ने बताया कि 2 जून को हुए भीषण ट्रेन दुर्घटना में कुल 275 लोगों की मौत हुई थी।
उन्होंने कहा कि बालासोर और भुवनेश्वर में इसमें से 170 शवों की पहचान की जा चुकी है। जेना ने कहा, "शोक में डूबे परिवारों की मदद के लिए मृतकों के शवों को विभिन्न राज्यों तक भेजने की नि:शुल्क व्यवस्था की जाएगी।" चीफ सेक्रेटरी ने कहा कि डेथ सर्टिफिकेट भी जल्द से जल्द प्रदान किया जाएगा और इसे मृतक के परिवारों को इलेक्ट्रॉनिक या स्पीड पोस्ट के जरिए उनके घर भेजा जाएगा।
ओडिशा सरकार ने जारी किए 2 टोल फ्री नंबर
जेना ने कहा कि देश भर से लोग इन नंबर पर फोन कर मृतकों और घायलों के बारे में जानकारी ले सकते हैं। मृतक यात्रियों की तस्वीरें भी सरकार की वेबसाइट पर अपलोड की गई हैं।
इस बीच एम्स भुवनेश्वर ने एक बयान में कहा कि उसे 123 शव मिले थे और सोमवार सुबह तक पहचान के बाद 24 शव को उनके गंतव्य स्थल पर भेज दिया गया। इसमें पश्चिम बंगाल के 16, बिहार के 5, ओडिशा के 2 और झारखंड के एक शव शामिल हैं।
रविवार को बालासोर से कम से कम 192 शवों को भुवनेश्वर लाया गया। इन शवों को 6 निजी और सरकारी अस्पतालों के मुर्दाघर में रखा गया है।
एक सरकारी बयान के मुताबिक, "ओडिशा ट्रेन हादसे में घायल 1,207 लोगों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया था। इनमें से 1,009 को छुट्टी दी जा चुकी है।" एक सरकारी अधिकारी ने बताया, "‘विभिन्न अस्पतालों में 198 घायल यात्री भर्ती हैं। एक को छोड़कर बाकी सभी की हालत स्थिर है।"