बेंगलुरु में महालक्ष्मी मर्डर केस की गुत्थी अब उलझती जा रही है। पुलिस का कहना है कि इस मामले में मुख्य संदिग्ध आरोपी मुक्ति रंजन रे की पहले ही पहचान कर ली गई थी। पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई थी। इस बीच अब एक नया मोड़ आ गया है। मुक्ति रंजन रॉय की लाश ओडिशा में पेड़ से लटकती मिली है। कहा जा रहा है कि संदिग्ध महालक्ष्मी की हत्या के बाद ओडिशा में छिपा हुई था। राय पर महालक्ष्मी की हत्या करने और उसके शव को 59 टुकड़ों में काटने का आरोप है।
30 साल का मुक्ति रंजन रे फरार चल रहा था। उसका शव ओडिशा के भद्रक जिले के धुसुरी पुलिस स्टेशन के अंतर्गत एक गांव में मिला है। कहा जा रहा है कि रे ने मंगलवार को कुलेपाड़ा कब्रिस्तान के पास सुबह स्कूटर पर लैपटॉप रखकर फांसी लगा ली है। पुलिस ने शव के पास से एक बैग, नोटबुक और स्कूटी बरामद की है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा और रिपोर्ट के बाद लाश को परिवार को सौंप दिया है।
द इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, ओडिशा के अतिरिक्त महानिदेशक कानून और व्यवस्था संजय कुमार (Sanjay Kumar) ने कहा कि पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला है। जिसमें रे ने कथित तौर पर महालक्ष्मी की हत्या करने की बात कबूल की है। कुमार ने आगे बताया कि ओडिशा पुलिस ने पहले ही अप्राकृतिक मौत का मामला (unnatural death case) दर्ज कर लिया है। सुसाइड नोट के आधार पर बेंगलुरु पुलिस ने बताया कि रे इस महालक्ष्मी हत्याकांड का आरोपी है। इसके पहले ही 29 साल की महालक्ष्मी की हत्या के मामले में कहा गया था कि रे ही मुख्य संदिग्ध आरोपी है। मृतक महिला बतौर सेल्सवूमेन (saleswoman) काम करती थी। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, रे और महालक्ष्मी दोनों एक साथ काम करते थे। उन दोनों के बीच किसी अन्य व्यक्ति के साथ रिश्ते को लेकर खटपट चल रही थी। हालांकि, सूत्र ने उस व्यक्ति की पहचान का खुलासा नहीं किया।
महालक्ष्मी आखिरी बार 1 सितंबर को गई थी ऑफिस
बताया जा रहा है कि महालक्ष्मी आखिरी बार 1 सितंबर को काम पर गई थीं। उनके परिवार ने बताया कि उनका मोबाइल फोन 2 सितंबर से बंद है। 21 सितंबर को उनकी मां और बड़ी बहन को उनके व्यालिकावल स्थित घर पहुंची। वहां महालक्ष्मी का शव फ्रिज में मिला। इस शव को कई टुकड़ों में काटकर फ्रिज में रखा गया था।