Bharat Ratna News: कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न, मोदी सरकार का बड़ा फैसला

Bharat Ratna News: इस बार भारत रत्न सम्मान बिहार में दो बार मुख्यमंत्री और एक बार मुख्यमंत्री रह चुके कर्पूरी ठाकुर (Karpuri Thakur) को मिलेगा। कर्पूरी ठाकुर वर्ष 1952 से लगातार विधायकी जीतते रहे, सिर्फ 1984 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हार मिली थी। इस बार उनके जन्मदिन के 100वें वर्ष पर राजद एक भव्य समारोह का आयोजन कर रही है

अपडेटेड Jan 23, 2024 पर 9:00 PM
Story continues below Advertisement
कर्पूरी ठाकुर के जन्मदिन के 100वें वर्ष पर राजद एक भव्य समारोह का आयोजन कर रही है।

Bharat Ratna News: इस बार भारत रत्न सम्मान बिहार में दो बार मुख्यमंत्री और एक बार मुख्यमंत्री रह चुके कर्पूरी ठाकुर (Karpuri Thakur) को मिलेगा। कर्पूरी ठाकुर वर्ष 1952 से लगातार विधायकी जीतते रहे, सिर्फ 1984 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हार मिली थी। इस बार उनके जन्मदिन के 100वें वर्ष पर राजद एक भव्य समारोह का आयोजन कर रही है। भारत रत्न का सम्मान वर्ष 1954 से दिया जा रहा है लेकिन बीच के कुछ वर्षों में यह सम्मान किसी को नहीं दिया गया था। पिछली बार यह सम्नान वर्ष 2019 में प्रणब मुखर्जी, भूपेन हजारिका और नानाजी देशमुख को मिला था।

कर्पूरी ठाकुर 'जननायक' के नाम से मशहूर

कर्पूरी ठाकुर गरीबों और पिछड़ों के मसीहा थे। 1978 में उन्होंने सरकारी नौकरियों में पिछड़े वर्ग के लोगों के लिए आरक्षण पेश किया था। 1988 में उनकी मृत्यु के बाद उनके पैतृक गांव का नाम बदलकर कर्पूरी गांव किया गया था। उनके नाम से बक्सर में जननायक कर्पूरी ठाकुर विधि महाविद्यालय, मधेपुरा में जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज, दरभंगा और अमृतसर के बीच जननायक एक्सप्रेस इत्यादि हैं। उनके नाम पर हॉस्पिटल और म्यूजियम भी हैं।


बिहार में पहली बार बनाया था सोशलिस्ट सरकार

बिहार के समस्तीपुर जिले के Pitaunjhia गांव में उनका जन्म 24 जनवरी 1924 को हुआ था। जाति से वह नाई थे। आजादी की लड़ाई में उन्होंने 26 महीने जेल में गुजारे थे। 1952 में वह सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर ताजपुर क्षेत्र से विधानसभा में पहुंचे। वह हिंदी के बहुत बड़े समर्थक थे और बिहार के शिक्षा मंत्री के रूप में उन्होंने अंग्रेजी को मैट्रिक के सिलेबस में अनिवार्य विषय से हटा दिया था। 1970 में उनके नेतृत्व में बिहार में पहली गैर-कांग्रेसी सोशलिस्ट सरकार बनी थी। उन्होंने बिहार में शराब पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था। वह दो बार बिहार के मुख्यमंत्री बने थे। दूसरी बार 1977 में उन्होंने सरकार बनाई थी। उनकी मृत्यु 64 साल की उम्र में 17 फरवरी 1988 को हुई थी।

Moneycontrol News

Moneycontrol News

First Published: Jan 23, 2024 8:20 PM

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।