BharatPe के को-फाउंडर और मैनेजिंग डायरेक्टर अशनीर ग्रोवर को सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर (SIAC) से कोई राहत नहीं मिल पाई है। सिंगापुर इंटरनेशनल सेंटर ने अशनीर ग्रोवर की इमरजेंसी याचिका खारिज कर दी है। अशनीर ग्रोवर ने SIAC में एक याचिका दायर की थी और बोर्ड के गवर्नेंस रिव्यू पर सवाल खड़े किए थे। इस मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि अशनीर ग्रोवर की याचिका खारिज होने के बाद BharatPe का बोर्ड वित्तीय अनियमितताओं और गवर्नेंस की खामियों की जांच चलती रहेगी।
इस मामले में अशनीर ग्रोवर को मनीकंट्रोल की तरफ से भेजी गई ईमेल का कोई जवाब नहीं आया है। BharatPe की पैरवी अभिषेक मनु सिंघवी कर रहे थे। उन्होंने कहा, "SIAC ने जितनी तेजी से इस मामले की सुनवाई की है वह काफी प्रभावित करने वाला है।" हालांकि उन्होंने इस केस के बारे में बात करने से मना कर दिया।
इससे पहले मनीकंट्रोल ने मंगलवार को यह जानकारी दी थी कि अशनीर ग्रोवर SIAC में इमरजेंसी आर्बिट्रेशन की याचिका दायर की है। ग्रोवर की तरफ से इस मामले की पैरवी लॉयर रितिन राय के साथ दो लॉ फर्म करनजवाला और मेराकी लॉ कर रही हैं।
पिछले महीने मनीकंट्रोल को दिए गए एक इंटरव्यू में अशनीर ने बोर्ड के गवर्नेंस रिव्यू कराने की मंशा पर सवाल उठाया था। तब अशनीर ग्रोवर ने कहा था, "बोर्ड से मेरा सवाल ये है। आखिर उन्हें पहले ही गवर्नेंस रिव्यू कराने की जरूरत क्यों महसूस हुई।" ग्रोवर ने तब ये भी कहा था कि आखिर ऑडिट रिपोर्ट मीडिया में कैसे लीक हुई। इससे पहले Alavarez and Marsel सोशल मीडिया पर ऑडिट रिपोर्ट का कुछ हिस्सा सर्कुलेट कर रहे थे।
अशनीर ग्रोवर ने इंटरव्यू में ये भी कहा था, "अगर बोर्ड सही ढंग से ऑडिट करवा रहा है तो मीडिया में ये रिपोर्ट कैसे लीक हो रही हैं? क्या आपने कभी ऐसा सुना है कि कोई कंपनी गवर्नेंस रिव्यू कर रही हो और जो शख्स ये रिव्यू कर रहा हो उसे सार्वजनिक कर दिया जाए? ये सब बातें गुप्त रखी जाती हैं। यहां बोर्ड खुद सामने से कह रहा है कि हम इस शख्स से रिव्यू करा रहे हैं।"
28 जनवरी को BharatPe ने यह सार्वजनिक किया था कि उसने कंपनी की गवर्नेंस रिव्यू के लिए Alwarez और Marsal को हायर किया है। इसके अगले हफ्ते यह खबर आई कि उन्होंने Alwarez के साथ-साथ PwC को भी हायर किया है।