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Bhushan Steel के पूर्व प्रमोटर नीरज सिंघल को जमानत, 16 महीने की जेल के बाद सुप्रीम कोर्ट ने दी मंजूरी

Bhushan Steel News: भूषण स्टील के पूर्व प्रमोटर नीरज सिंघल को आज सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने 16 महीने की जेल के बाद आज 6 सितंबर को उन्हें जमानत दी। नीरज सिंघल ₹46,000 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में जेल में थे। जानिए सुप्रीम कोर्ट ने किन तथ्यों के आधार पर नीरज सिंघल को यह राहत दी है

अपडेटेड Sep 06, 2024 पर 12:49 PM
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चूंकि ट्रायल में देरी हो रही है और भूषण स्टील के पूर्व प्रमोटर नीरज सिंघल 16 महीने से जेल में हैं तो ऐसे में स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार के तहत सुप्रीम कोर्ट ने नीरज की जमानत अर्जी मंजूर कर ली।

Bhushan Steel News: भूषण स्टील के पूर्व प्रमोटर नीरज सिंघल को आज सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने 16 महीने की जेल के बाद आज 6 सितंबर को उन्हें जमानत दी। नीरज सिंघल ₹46,000 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में जेल में थे। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच ने पाया कि नीरज सिंघल 16 महीने से जेल में हैं और ट्रायल का खत्म होना जल्द संभव नहीं है। कोर्ट ने लंबे समय से नीरज सिंघल को कैद में रखने पर नाराजगी जताई और ट्रॉयल में देरी की आलोचना की। कोर्ट ने यह भी कहा कि उसे घोटाले के असर का पता है, लेकिन अगर ट्रायल शुरू नहीं होता तो उसे स्वतंत्रता के पक्ष में झुकना होगा।

लेकिन पासपोर्ट करना होगा जमा

चूंकि ट्रायल में देरी हो रही है और भूषण स्टील के पूर्व प्रमोटर नीरज सिंघल 16 महीने से जेल में हैं तो ऐसे में स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार के तहत सुप्रीम कोर्ट ने नीरज की जमानत अर्जी मंजूर कर ली। हालांकि कोर्ट ने यह भी कहा कि मामले को हल्के में नहीं लिया जा सकता है क्योंकि फर्जीवाड़े का असर पूरा समाज पर पड़ता है। कोर्ट ने भूषण कुमार को पासपोर्ट जमा करने को कहा है और कहा कि बिना कोर्ट की अनुमति के वह देश के बाहर नहीं जा सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि अगर कोई उल्लंघन होता है तो इस आदेश को लेकर प्रॉसिक्यूशन फिर अपील कर सकता है।


Bhushan Steel के पूर्व प्रमोटर पर ये है मामला?

केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने हाई कोर्ट में आरोप लगाया था कि सिंघल एक बड़े बैंकिंग फ्रॉड में शामिल थे। इसके अलावा वह मनी लॉन्ड्रिंग में भी शामिल थे। इसके चलते सरकारी खजाने को ₹46,000 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ। इस मामले में सिंघल ने सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली हाई कोर्ट के 8 जनवरी के आदेश के खिलाफ अपील की है, जिसमें उनकी जमानत याचिका और प्रवर्तन निदेशालय (ED) की तरफ से गिरफ्तारी की चुनौती को खारिज कर दिया गया था।

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