BRICS Summit 2023: ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2023 दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में हो रहा है। यह शिखर सम्मेलन 22 अगस्त से 24 अगस्त तक चलेगा। इसमें भारत, चीन और ब्राजील के राष्ट्र प्रमुख हिस्सा लेने पहुंचे हैं। वहीं रूस की ओर से वरिष्ठ राजनयिक इस मीटिंग में शामिल होंगे। यह 15वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की दक्षिण अफ्रीका की यह राजकीय यात्रा भी है। इस साल ब्रिक्स सम्मेलन में इस ब्लॉक का विस्तार अहम मुद्दा हो सकता है। ब्रिक्स समिट के दूसरे दिन दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने कहा कि ब्रिक्स देशों को वैश्विक दक्षिण के हितों को आगे बढ़ाने की जरूरत है। औद्योगिक देशों से आर्थिक प्रगति विकसित करके जलवायु कार्यों का समर्थन करना चाहिए।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोहान्सबर्ग में राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा के साथ सार्थक बैठक की। उन्होंने व्यापारिक संबंधों, सुरक्षा को बढ़ावा देने जैसे विभिन्न क्षेत्रों में भारत-दक्षिण अफ्रीका साझेदारी को मजबूत करने पर चर्चा की।
ब्रिक्स ने लंबा सफर तय किया – पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि जोहान्सबर्ग जैसे खूबसूरत शहर में एक बार फिर आना मेरे और मेरे प्रतिनिधिमंडल के लिए खुशी की बात है। इस शहर का भारतीयों और भारतीय इतिहास से गहरा और पुराना रिश्ता है। यहां से कुछ दूरी पर टॉल्स्टॉय फार्म स्थित है। जिसका निर्माण 110 साल पहले महात्मा गांधी ने करवाया था। महात्मा गांधी ने भारत, यूरेशिया और अफ्रीका के महान विचारों को जोड़कर हमारी एकता और सद्भाव की मजबूत नींव रखी थी। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स ने एक लंबा सफर तय किया है। इस यात्रा में हमने कई उपलब्धियां हासिल की है। हमारा न्यू डेवलपमेंट बैंक ग्लोबल साउथ के देशों के विकास में अहम भूमिका निभा रहा है।
ब्रिक्स के विस्तार का पीएम मोदी ने किया समर्थन
ब्रिक्स को भविष्य के लिए तैयार संगठन बनाने के लिए हमें अपने संबंधित समाजों को भी भविष्य के लिए तैयार करना होगा और प्रौद्योगिकी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। भारत में हमने दूर ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों पर नॉलेज युक्त डिजिटल प्लेटफॉर्म बनाया है। इसके साथ ही स्कूल के छात्रों के बीच इनोग्रेशन को बढ़ावा देने के लिए 10,000 अटल टिंकरिंग लैब बनाए हैं। भाषा संबंधी दिक्कतों को दूर करने के लिए AI बेस्ड लैंग्वेज प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया जा रहा है। वैक्सीनेशन के लिए कोविड प्लेटफॉर्म बनाया गया है। विविधता भारत की एक बहुत बड़ी ताकत है।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में आगे कहा कि भारत ब्रिक्स के विस्तार का पूरा समर्थन करता है। हम इस पर आम सहमति के साथ आगे बढ़ने का स्वागत करते हैं।